एशिया महाद्वीप महत्वपूर्ण तथ्य

एशिया शब्द की उत्पत्ति एसीरियन भाषा के “आसू” शब्द से हुई है जिसका अर्थ है “पूर्व” | सर्वप्रथम यूनानियों द्वारा एशिया शब्द का उपयोग किया गया था |

  • यहाँ सम्पूर्ण विश्व का 1/3 स्थल और कुल जनसंख्या का 2/5 भाग पाया जाता है |एशिया का अधिकांश भाग पूर्वी गोलार्ध में स्थित है जबकि कुछ ही भाग पश्चिमी गोलार्ध में स्थित है |
  • एशिया आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती हैं, हालाँकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा नहीं निर्धारित है।
  • एशिया और यूरोप को मिलाकर कभी-कभी यूरेशिया भी कहा जाता है।
  • एशियाई महाद्वीप भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है।
  • काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत प्राकृतिक रूप से एशिया को यूरोप से अलग करते है।
  • कुछ सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ था जैसे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि। चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भी हैं।
  • पश्चिम में स्थित एक लंबी भू सीमा यूरोप को एशिया से पृथक करती है। तह सीमा उत्तर-दक्षिण दिशा में नीचे की ओर रूस में यूराल पर्वत तक जाती है, यूराल नदी के किनारे-किनारे कैस्पियन सागर तक और फिर काकेशस पर्वतों से होते हुए अंध सागर तक।
  • रूस का लगभग तीन चौथाई भूभाग एशिया में है और शेष यूरोप में। चार अन्य एशियाई देशों के कुछ भूभाग भी यूरोप की सीमा में आते हैं।
  • विश्व के कुल भूभाग का लगभग 3/10 वां भाग या 30% एशिया में है और इस महाद्वीप की जनसंख्या अन्य सभी महाद्वीपों की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है, लगभग 3/4 वां भाग या 60%।
  • उत्तर में बर्फ़ीले आर्कटिक से लेकर दक्षिण में ऊष्ण भूमध्य रेखा तक यह महाद्वीप लगभग 4,45,79000 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और अपने में कुछ विशाल, खाली रेगिस्तानों, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतों और कुछ सबसे लंबी नदियों को समेटे हुए है।
  • एशिया के बारे में बेहद महत्वपूर्ण तथ्य 

    • एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप – बोर्निया जिसका क्षेत्रफल 751,100 वर्ग किलोमीटर है |
    • सबसे घना बसा द्वीप – इण्डोनेशियाई द्वीप समूह का जावा द्वीप
    • विश्व का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर – हिमालय पर्वत माला में स्थित माउंट एवरेस्ट जो कि नेपाल में स्थित है | जिसकी ऊंचाई 8850 मीटर है |
    • विश्व का सर्वाधिक ऊंचा पठार – पामीर का पठार – जिसे विश्व की छत भी कहा जाता है |
    • क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा देश – चीन
    • क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा देश – मालदीव
    • सर्वाधिक जनघनत्व वाला देश – सिंगापुर
    • एशिया और यूरोप का विभाजन – यूराल पर्वत, यूराल नदी और कैस्पीयन सागर मिलकर विभाजित करते हैं |
    • सबसे बड़ी झील – कैस्पीयन सागर
    • एशिया और यूरोप का सम्मिलित नाम – यूरेशिया
    • सबसे लंबी नदी – यांग्जी (चीन) 6800 किलोमीटर
    • उष्णतम (सबसे शुष्क) स्थान – जैकोबाबाद (52॰C)
    • सबसे ठंडा स्थान – बरखोयांस्क (-68॰C) रूस
    • संसार का सबसे गहरा महासागरीय गर्त – मेरियाना गर्त (11776 मीटर) फिलीपींस द्वीप के पास प्रशांत महासागर में स्थित
    • विश्व का सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान – मासिनराम (11405 मिमी0)
    • विश्व का सबसे लंबा रेलमार्ग – ट्रांस साइबेरियन (9438 किमी0)
    • सबसे लंबा प्लेटफार्म – गोरखपुर
    • सबसे अधिक मतस्य आहरण करने वाले देश – जापान तथा चीन
    • विश्व का 93% चावल तथा 91% चाय एशिया में उत्पादित की जाती है |
    • एशिका मे चीन सर्वाधिक चावल तथा भारत सर्वाधिक चाय उत्पादक देश है |
    • एशिया को सभी धर्मों की आद्यभूमि कहा जाता है क्योंकि सभी धर्मों की उत्पत्ति यहीं पर हुई है |
    • सर्वाधिक रबड़ उत्पादक एवं निर्यातक देश – थाईलैंड
      • सर्वाधिक टिन उत्पादक देश – मलेशिया
      • सर्वाधिक जलविद्युत उत्पादन करने वाला देश – जापान
      • एशिया में जनसंख्या की दृष्टि से चार बड़े नगर हैं – 1. टोक्यो 2. मुंबई 3. शंघाई तथा 4. कोलकाता

      प्रश्न उत्तर 

      1.  एशिया शब्द की उत्पत्ति किस भाषा के कौन-से शब्द से हुई है? – एशिरियन भाषा के आसु शब्द से
      2. एशिया महादेश का सर्वाधिक शुष्क स्थल कौन-सा है? – अदन (यमन)
      3. एशिया ही नहीं बल्कि विश्व में सर्वाधिक वर्षा कहां होती है? –मॉसिनराम (भारत)
      4. एशिया में विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत कौनसा है? – हिमालय
      5. एशिया में विश्व का सबसे ऊँचा शिखर कौनसा है? – माउंट एवरेस्ट
      6. एशिया में विश्व की सबसे ऊँची खारे पानी की झील कौनसी है? –पैगांग झील (तिब्बत
      7. एशिया में विश्व की सबसे बड़ी झील – कैस्पियन सागर


          1. एशिया में विश्व का सबसे लम्बा प्लेटफार्म – गोरखपुर 
          2. एशिया में विश्व का सर्वाधिक जनसँख्या वाला देश – चीन
          3. एशिया में विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा – सुंदरबन डेल्टा ( भारत- बंगलादेश )
          4. एशिया में विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र – भारत
          5. एशिया में विश्व का सबसे अधिक जलयान बनाने वाला देश – जापान
          6. क्षेत्रफल की दृष्टि से एशिया का सबसे बड़ा एवं सबसे छोटा देश कौन-सा है? –क्रमशः चीन एवं मालद्वीप 
        1. एशिया का सबसे बड़ा द्वीप कौन-सा है?- बोर्नियो
        2. एशिया एवं यूरोप महादेश में स्थित देश कौन-से हैं? – रूस एवं तुर्की 
        3. एशिया में स्थित विश्व का सबसे ऊँचा और बड़ा पठार है:-  तिब्बत का पठार
        4. एशिया में स्थित विश्व का सबसे बड़ा प्रायद्वीप कौन-सा है? –अरब प्रायद्वीप 
        5. एशिया में स्थित विश्व की सबसे गहरी झील कौन-सी है? – बैकाल झील 
        6. एशिया महादेश में बहने वाली सबसे लम्बी नदी कौन सी है ? – यांगटिसिक्यांग नदी
    • जलवायु का मानव जीवन पर प्रभाव

    • पर्यावरण के सभी अंगों में जलवायु मानव जीवन को सबसे अधिक प्रभावित करती हैं। क्योकि मानव की वेशभूषा खान-पान रहन-सहन जन-स्वास्थ्य सभी पर जलवायु का गहरा प्रभाव पड़ता है। भारत में कृषि राष्ट्र के अर्थतंत्र की धुरी है जो जलवायु की विषमता से सबसे अधिक प्रभावित होती हैं।

      इसके अलावा मनुष्य के कई क्रियाकलाप जैसे उद्योग व्यवसाय परिवहन एवं संचार व्यवस्था आदि को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जलवायु प्रभावित करती है।
      भारत में मानसूनी जलवायु का मानव जीवन पर निम्न प्रकार प्रभाव पड़ता है-
      1. जलवायु का कृषि पर प्रभाव
      2. जलवायु का उद्योगों पर प्रभाव
      3. जलवायु का सामाजिक जीवन पर प्रभाव

      1. जलवायु का कृषि पर प्रभाव:-

      1. भारत में वर्षा के प्रारंभ होने के साथ खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू हो जाती हैं। जब वर्षा समय से प्रारंभ हो जाती है। और नियमित अंतराल पर होती रहती है। तब कृषि उत्पादन का परिणाम अच्छा होता है।

      2. जिन भागों में कम वर्षा होती है अथवा सूखा पड़ता है वहां की कृषि फसलें सिंचाई के बिना पैदा नहीं की जा सकती हैं।

      3. भारत में मूसलाधार वर्षा होते रहने से बाढ़े आ जाती हैं। और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कृषि फसलें नष्ट हो जाती हैं। तथा किसानों को भारी जन धन की हानि होती है।

      4. समय से पूर्व वर्षा आरंभ होने तथा समय से पहले वर्ष समाप्त होने से भी आर्थिक क्रियाकलाप प्रभावित होते हैं।

      5. गर्मियों में उत्तरी भारत में तापमान बहुत ऊंचे हो जाते हैं और गर्म लू चलने लगती है। जिससे खेतों में काम करना कठिन हो जाता है। लोग 9 बजे से सन्ध्या के 5 बजे तक घर के भीतर ही रहते है।

    • भारत में किसी वर्ष जल वृष्टि बहुत कम हो पाती है जिससे फसलें नष्ट हो जाती हैं। और देश में अकाल पड़ जाता है  इसके विपरीत कभी-कभी भारत में इतनी वर्षा अधिक हो जाती है कि जिसके कारण नदियों में बाढ़ आ जाती हैं और फसलें नष्ट हो जाती हैं इसीलिए भारत के वित्तीय बजट को मानसून का जुआ कहा गया है।

      7. चक्रवर्ती वर्षा के कारण पंजाब हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में गेहूं का गन्ने की फसलों को लाभ मिलता है।

      8. भारत में ग्रीष्म ऋतु में हरे चारे की कमी हो जाती है जिससे पशुओं पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

      2. जलवायु का उद्योगों पर प्रभाव:-

      जलवायु का प्रभाव भारत के उद्योगों पर भी पड़ता है।
      1. दक्षिण भारत की जलवायु उत्तरी भारत की अपेक्षा अधिक अच्छी है। समुद्री तट निकट होने के कारण यहां उष्ण आर्द्र जलवायु पाई जाती है। यही कारण है कि भारत के अधिकांश सूती वस्त्र की मिलें दक्षिण भारत के महाराष्ट्र गुजरात राज्यों के तटीय भागों में स्थित है। उत्तरी पर्वतीय भाग अधिक ठंडा जलवायु प्रदेश है इसलिए वहां ऊनी वस्त्रों को कुटीर व लघु उद्योगों के रूप में विकसित किया गया है।

      2. उत्तरी भारत का पश्चिमी मैदानी भाग जो चीनी मिलों के लिए प्रसिद्ध है वह मई माह में लू चलने के कारण प्रभावित होता है। इस समय यहां गन्ना रहते हुए भी चीनी मिलों को अधिक गर्मी के कारण बंद करना पड़ता है। जबकि दक्षिण भारत में उष्णार्द जलवायु के कारण अधिक समय तक चीनी मिले चलती रहती हैं।

    • भारतीय उद्योग इसलिए अधिक प्रभावित होते है क्योंकि यहां कृषि पर आधारित कच्चे माल वाले उद्योगों की प्रधानता होती है।

       

      3. जलवायु का सामाजिक जीवन पर प्रभाव:-

      1. भीषण गर्मी के बाद घनघोर वर्षा का मौसम आरंभ हो जाता है। जो मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है। इससे अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। देश के कुछ भागों में मलेरिया हैजा जैसे संक्रामक रोग फैल जाते हैं।

      2. अधिक उष्णता एवं आर्द्रता बीमारियों को तो जन्म देती है। बल्कि मनुष्य इनसे और आलसी हो जाता है जिससे मानव की कार्य क्षमता भी घट जाती है।

      2. मानव की वेशभूषा भी जलवायु से प्रभावित होती है इसलिए उत्तरी भारत में लोग शीत ऋतु में ऊनी कपड़े पहनते हैं। जबकि दक्षिण भारत में सदैव हल्के व सूती वस्त्र ही पहने जाते हैं।

      3. जलवायु का प्रभाव मानव के रहन-सहन पर भी पड़ता है। भारत में मकान हवादार बनाए जाते हैं उनमें आंगन बरामदे की अधिक आवश्यकता होती है। क्योंकि भारत में ग्रीष्म काल की अवधि लंबी होती है। जबकि शीत ऋतु थोड़े समय के लिए ही होती हैं।



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