कहां है काला सागर

काला सागर

  • काला सागर पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया के बीच स्थित है।
  • यह दक्षिण, पूर्व और उत्तर में क्रमशः पोंटिक, काकेशस और क्रीमियन की पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
  • काला सागर भी कर्च जलडमरूमध्य द्वारा आज़ोव सागर से जुड़ा हुआ है।
  • तुर्की जलडमरूमध्य प्रणाली- डारडेनेल्स, बोस्फोरस और मरमारा सागर- भूमध्यसागर तथा काला सागर के बीच एक ट्रांज़ीशन ज़ोन के रूप में कार्य करती है
  • काला सागर के सीमावर्ती देशों में- रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, तुर्की, बुल्गारिया और रोमानिया शामिल हैं।
  • काला सागर के जल में ऑक्सीजन की भारी कमी है।

मौसम और जलवायु में क्या अन्तर है?

मौसम

  • किसी स्थान के तापमान, वायुदाब, पवन, आर्द्रता, वर्षण, धूप, मेघाच्छादन आदि के संदर्भ में थोड़े समय की वायुमंडलीय दशा को उस स्थान का मौसम कहते हैं।

 ऋतु

  • वर्ष की वह अवधि जिसमें मौसम दशायें लगभग समान होती हैं और जो पृथ्वी के अक्ष के झुकाव और उसके द्वारा सूर्य का परिक्रमण करने के परिणाम स्वरूप बनती हैं, ऋतु कहते हैं।

 जलवायु

  • किसी बड़े क्षेत्र के पिछले अनेक वर्षों के औसत मौसम की दशाए, जो अपेक्षाकृत स्थाई होती हैं, को उस क्षेत्र की जलवायु कहते हैं।

मौसम और जलवायु में अन्तर

मौसम

 1. मौसम में किसी सीमित क्षेत्र की वायुमण्डलीय दशाओं की लघु अवधि (प्रायः एक दिन या एक सप्ताह) का अध्ययन किया जाता है।

 2.मौसम वायुमंडलीय तत्त्वों, जैसे तापमान अथवा आर्द्रता में से किसी एक से भी प्रभावित हो सकता है।

 3.मौसम अक्सर बदलता रहता है।

 4.इसका प्रभाव किसी देश के छोटे से भाग में अनुभव किया जाता है।

 5.किसी स्थान पर वर्ष में विभिन्न प्रकार के मोसम का अनुभव किया जा सकता है।

जलवायु  

1.  जलवायु में, बड़े क्षेत्र की लम्बी अवधि की मौसम संबंधी दशाओं के औसत का अध्ययन किया जाता है।

2.  जलवायु वायुमण्डल के विभिन्न तत्त्वों के संयुक्त प्रभाव की देन है।

3.  यह लगभग स्थायी है।

4.  जलवायु के प्रभाव को किसी महादीप के विशाल क्षेत्र में देखा जा सकता है।

5.  किसी स्थान पर एक ही प्रकार की जलवायु होती है।

क्या है वर्षण तथा इसके रूप?

वर्षण 

वर्षण या अवक्षेपण एक मौसम विज्ञान की प्रचलित शब्दावली है जब जल द्रव या ठोस के रूप में धरातल पर गिरता है तो उसे वर्षण कहते हैं।

स्वतंत्र हवा में लगातार संघनन की प्रक्रिया संघनित कणों के आकार को बड़ा करने में मदद करती है तथा वे वायु में तैरते हुये रूक नहीं पाते क्योंकि हवा का प्रतिरोध गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध उनको रोकने में असफल हो जाता है तब ये पृथ्वी की सतह पर गिरते हैं। इसलिए जलवाष्प के संघनन के बाद नमी के मुक्त होने की अवस्था को वर्षण कहते हैं।

यह द्रव , गैस या ठोस अवस्था में हो सकता है।

वर्षण के रूप

ठोस- हिमपात, ओलवृष्टि

द्रव- जलवर्षा, फुहार

गैस- ओस ,कोहरा, धुंध

फुहार: जब समान आकार की अत्यन्त छोटी-छोटी बूदें जिनका व्यास 0.5 मि.मि. से कम होता है। धरातल पर गिरती हैं, तो उसे फुहार कहते हैं।

वर्षा- वर्षण जब पानी के रूप में होता है उसे वर्षा कहा जाता है अत: जब जल की छोटी-छोटी बूदें मिलकर बड़ी बूदों के रूप में धरातल पर गिरती हैं तो उसे वर्षा कहते हैं। अतः वर्षा वर्षण का एक रूप या प्रकार है।

हिमपात : जब तापमान 0°से० से कम होता है तो वायुमण्डलीय आर्द्रता हिमकणों में बदल जाती है। ये छोटे-छोटे हिमकण मिलकर हिमलव बनाते हैं।

जो बड़े और भारी होकर धरातल पर गिरने लगते हैं। तब वर्षण हिमतृलों के रूप में होता है जिसे हिमपात कहते हैं।

ओला पात : कभी-कभी वर्षा की बूंदें बादल से मुक्त होने के बाद बर्फ के छोटे गोलाकार ठोस टुकड़ों में परिवर्तित हो जाती हैं तथा पृथ्वी की सतह पर पहुँचती हैं जिसे ओलापत्थर कहा जाता है।

ये वर्षा के जल से बनती हैं जो कि ठंडी परतों से होकर गुजरती हैं। ये ओला पत्थर एक के ऊपर एक बर्फ की कई सकेंद्रीय परतों वाले होते हैं।

सहिम वृष्टि -सहिम वृष्टि जमी हुई वर्षा की बूंदे हैं या पिघली हुई बर्फ के पानी की जमी हुई बूंदें हैं।

जमाव बिंदु के तापमान के साथ जब वायु की एक परत सतह के नजदीक आधे जमे हुए परत पर गिरती है तब सहिम वृष्टि होती है।

ओसांक -जिस तापमान पर जल-वाष्प संघनित होकर जल रूप में बदल जाती है, उसे ओसांक कहते हैं। ओसांक कई बातों पर निर्भर करता है, दबाव, सापेक्ष आर्द्रता आदि।

पाला -आमतौर पर शीतकाल की लंबी रातं ज्यादा ठंडी होती है और कई बार तापमान हिमांक पर या इस से भी नीचे चला जता है।

ऐसी स्थिति में जलवाष्प बिना द्रव रूप में परिवर्तित हुए सीधे ही सुक्ष्म हिमकणों में परिवर्तित हो जाते हैं, इसे पाला कहते हैं 

धुंध -धुंध भी कोहरे की तरह ही होती है, अंतर बस केवल इतना है कि यह अधिक घनी हो जाती है। जहाँ कोहरा हमें जाड़े में दिखायी देता है वहीं धुंध बरसात के दिनों में हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाने के कारण उत्पन्न होती है। 

तुषार -हवा में मिली भाप जो सरदी से जमकर और सूक्ष्म जलकण के रूप में हवा से अलग होकर गिरती और पदार्थों पर जमती दिखलाई देती है।

कोहरा-सापेक्षिक आ‌र्द्रता शत प्रतिशत होने पर हवा में जलवाष्प की मात्रा स्थिर हो जाती है।

इससे अतिरिक्त जलवाष्प के शामिल होने से या तापमान के कम होने से संघनन शुरू हो जाता है।

जलवाष्प से संघनित छोटी पानी की बूंदे वायुमंडल में कोहरे के रूप में फैल जाती हैं।

क्या है अति महत्वपूर्ण UNFCCC, IPCC तथा PCA?

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (UNFCCC)

  • UNFCCC का का अर्थ ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क’ से है।
  • यह एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है जिसका उद्देश्य वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित करना है।
  • UNFCCC सचिवालय संयुक्त राष्ट्र की एक इकाई है। 
  • UNFCCC जलवायु परिवर्तन के खतरे पर वैश्विक प्रतिक्रिया का समर्थन करती है। 
  • यह समझौता जून, 1992 के पृथ्वी सम्मेलन के दौरान किया गया था।
  • विभिन्न देशों द्वारा इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद 21 मार्च, 1994 को इसे लागू किया गया।
  • वर्ष 1995 से लगातार UNFCCC की वार्षिक बैठकों का आयोजन किया जाता है।
  • UNFCCC की वार्षिक बैठक को कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (COP) के नाम से जाना जाता है।
  • UNFCCC के तहत ही वर्ष 1997 में बहुचर्चित क्योटो समझौता हुआ और विकसित देशों (एनेक्स-1 में शामिल देश) द्वारा ग्रीनहाउस गैसों को नियंत्रित करने के लिये लक्ष्य तय किया गया।
  • क्योटो प्रोटोकॉल के तहत 40 औद्योगिक देशों को अलग सूची एनेक्स-1 में रखा गया है।
  • यह वर्ष 2015 के पेरिस समझौते की मूल संधि है।
  • UNFCCC का सचिवालय जर्मनी के बॉन में स्थित है।

जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल

  • जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) जलवायु परिवर्तन से संबंधित वैज्ञानिक आकलन करने हेतु संयुक्त राष्ट्र का एक निकाय है। जिसमें 195 सदस्य देश हैं।
  • इसे संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा 1988 में स्थापित किया गया था।
  • इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, इसके प्रभाव और भविष्य के संभावित जोिखमों के साथ-साथ अनुकूलन तथा जलवायु परिवर्तन को कम करने हेतु नीति निर्माताओं को रणनीति बनाने के लिये नियमित वैज्ञानिक आकलन प्रदान करना है।
  • IPCC आकलन जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये अंतर्राष्ट्रीय वार्ताओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • इसका मुख्यालय ज़िनेवा में स्थित है।

पेरिस जलवायु समझौता(Paris Climate Agreement-PCA)

  • यह जलवायु परिवर्तन पर कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय संधि है।
  • इसे दिसंबर 2015 में पेरिस में आयोजित COP 21 सम्मेलन के दौरान 196 देशों द्वारा अपनाया गया था।
  • औद्योगिक स्तरों की तुलना में ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से कम करना और अधिमानतः इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना
  • वर्ष 2050 से 2100 के बीच मानव गतिविधियों द्वारा उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा को उस स्तर तक लाना ताकि वृक्षों, महासागरों और मृदा द्वारा इसे स्वाभाविक रूप से अवशोषित किया जा सके।
  • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्य के साथ संपन्न पेरिस समझौते को ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिये एक ऐतिहासिक समझौते के रूप में मान्यता प्राप्त है।

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