“ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड” (GLOF) से आप क्या समझते हैं ? हिमालय क्षेत्र में GLOF के कारणों और परिणामों की चर्चा कीजिये ? UPSC NOTE 

ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) एक प्रकार की विस्फोट बाढ़ है जो हिमनद झील वाले बांध की विफलता के कारण होती है। GLOF में, हिमनद झील का पानी अचानक और तेजी से बहने लगता है, जिससे विनाशकारी बाढ़ आ सकती है।

हिमालय क्षेत्र में GLOF के कारण

हिमालय क्षेत्र में GLOF के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • ग्लेशियरों का पिघलना: जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियरों का पिघलना तेजी से हो रहा है। इससे हिमनद झीलों का आकार बढ़ रहा है और उनकी स्थिरता कम हो रही है।
  • हिमनद झीलों का आकार: हिमनद झीलों का आकार भी GLOF का एक कारक हो सकता है। बड़ी हिमनद झीलें अधिक खतरा पैदा करती हैं क्योंकि उनमें अधिक पानी होता है।
  • हिमनद झीलों की स्थिरता: हिमनद झीलों की स्थिरता भी GLOF का एक महत्वपूर्ण कारक है। कमजोर या अस्थिर हिमनद झीलें अधिक खतरा पैदा करती हैं।

हिमालय क्षेत्र में GLOF के परिणाम

हिमालय क्षेत्र में GLOF के कई विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • बाढ़: GLOF से विनाशकारी बाढ़ आ सकती है जो जान-माल के नुकसान का कारण बन सकती है।
  • भूस्खलन: GLOF से भूस्खलन हो सकता है जो सड़कों, पुल, और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • पारिस्थितिक क्षति: GLOF से पारिस्थितिक क्षति हो सकती है, जिसमें वनों, खेतों, और वन्यजीवों को नुकसान शामिल है।

GLOF से निपटने के उपाय

हिमालय क्षेत्र में GLOF से निपटने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • ग्लेशियर निगरानी: ग्लेशियर निगरानी कार्यक्रमों के माध्यम से ग्लेशियरों के पिघलने की दर और हिमनद झीलों के आकार और स्थिरता की निगरानी की जा सकती है।
  • हिमनद झीलों का प्रबंधन: हिमनद झीलों का प्रबंधन करके उनके आकार और स्थिरता को कम किया जा सकता है।
  • बाढ़ चेतावनी और पूर्व चेतावनी प्रणाली: बाढ़ चेतावनी और पूर्व चेतावनी प्रणाली के माध्यम से लोगों को GLOF के बारे में सूचित किया जा सकता है ताकि वे सुरक्षित स्थानों पर जा सकें।

हिमालय क्षेत्र में GLOF एक गंभीर खतरा है। GLOF से निपटने के लिए प्रभावी उपाय करना महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष:

प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियाँ, खतरे वाले क्षेत्रों का मानचित्रण और सुरक्षित क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे का विकास उन रणनीतियों में शामिल हैं जिन्हें इन संभावित विनाशकारी घटनाओं के प्रभाव को कम करने के लिये लागू किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जलवायु परिवर्तन की समस्या को हल करना एवं ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के साथ ग्लेशियर संकुचन की गति को धीमा करना, हिमालय में GLOF के दीर्घकालिक जोखिमों को कम करने हेतु महत्त्वपूर्ण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *