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NCERT SCIENCE

Home » जस्ता  FOR UPSC IN HINDI

जस्ता  FOR UPSC IN HINDI

  • Posted by teamupsc4u
  • Categories NCERT SCIENCE
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प्राप्ति (Occurrence): जस्ता प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। यह संयुक्त अवस्था में विभिन्न अयस्कों के रूप में पाया जाता है। यह जिंक ब्लैंड और कैलामाइन अयस्क के रूप में प्रचुर मात्रा में मिलता है।

जस्ता का निष्कर्षण: जस्ता धातु का निष्कर्षण मुख्यतः इसके सल्फाइड अयस्क जिंक ब्लैंड (Zns) से किया जाता है।

जस्ता के भौतिक गुण: यह नीला सफेद, कड़ा तथा भंगुर होता है। इसका द्रवणांक 419°C, क्वथनांक 920°C तथा विशिष्ट गुरुत्व 7.1 होता है। 100°C – 150°C पर यह तन्य तथा आघातवर्ध्य होता है। यह ऊष्मा तथा विद्युत् का सुचालक होता है।

जस्ता के रासायनिक गुण: यह तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर यह H2 गैस मुक्त करता है। यह तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर यह SO2 गैस मुक्त करता है। यह ठंडा और तनु नाइट्रिक अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) गैस मुक्त करता है। यह सान्द्र नाइट्रिक अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर NO2 गैस मुक्त करता है। यह सान्द्र NaOH या सान्द्र KOH घोल के साथ गर्म करने पर H2 गैस मुक्त करता है और जिंकेट बनता है। कॉपर सल्फेट के घोल से यह कॉपर की अवक्षेपित करता है।

जस्ता का उपयोग: (i) दानेदार जस्ता तथा जस्ता चूर्ण के रूप में यह प्रयोगशाला में प्रयुक्त होती है। (ii) लोहे की जंग लगने से बचाने के लिए जस्तेदार लोहा (Galvanize Iron) बनाने में यह प्रयुक्त होती है। (iii) पीतल (Brass), कांसा (Bronze), जर्मन सिल्वर (German silver) आदि मिश्रधातुएँ बनाने में जस्ता का उपयोग होता है। (iv) सिल्वर और सोने के निष्कर्षण में (v) युद्ध क्षेत्र में धूम्रपट बनाने में

जस्ते की मिश्रधातुएँ
पीतलBrassCu (70%), Zn (30%)
कांसाBronzeCu (88%), Sn (12%)
डच मेटलDutch MetalCu (80%), Zn (20%)
गन मेटलGun MetalCu (88%), Sn (10%), Zn (2%)
जर्मन सिल्वरGerman SilverCu (50%), Zn (35%), Ni (15%)

जस्ते के यौगिक

  1. जिंक सल्फेट  इसे सफ़ेद थोथा या सफ़ेद कसीस (White Vitriol) भी कहा जाता है। यह रंगहीन तथा रवादार ठोस पदार्थ है। इसका उपयोग लिथोपोन के निर्माण में तथा रंगाई एवं कैलिको छपाई (Calico Printing) के कामों में होता है।
  2. जिंक ऑक्साइड यह एक उभयधर्मी ऑक्साइड है। इसे फिलॉस्फर ऊल (Philosopher’s Wool) कहते हैं। यह प्रकृति में जिंकाइट या लाल जिंक अयस्क के रूप में पाया जाता है। यह सफेद बेरवेदार चूर्ण होता है। यह जल में अघुलनशील है। यह मलहम, क्रीम, कृत्रिम दाँत आदि बनाने के काम आता है। जिंक ऑक्साइड रंगने के काम भी आता है। अतः इसे जिंक ह्वाइट  कहते हैं।
  1. लिथोपोन र्जिक सल्फाइड (Zns) तथा बेरियम सल्फेट (BaSO4) के मिश्रण को लिथोपोन (Lithopone) कहते हैं। जिंक सल्फेट को बेरियम सल्फाइड के बीच प्रतिक्रिया कराकर लिथोपोन प्राप्त किया जाता है। यह रंगाई के काम के लिए अत्यंत उपयोगी है, क्योंकि इस पर हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  2. जिंक सल्फाइड  यह प्रकृति में जिंक ब्लैंड के रूप में मिलता है। यह जल में अघुलनशील सफेद ठोस पदार्थ है। यह स्फुरदीप्ति (Phosphorescence) का गुण प्रदर्शित करता है। यह स्फुरदीप्ति पर्दे बनाने में काम आता है।
  3. जिंक फॉस्फाइड  जिंक फॉस्फाइड का उपयोग चूहा-विष (Rat Poison) के रूप में होता है।
  4. जिंक क्लोराइड  यह सफेद रवेदार ठोस पदार्थ है, जो जल में काफी घुलनशील है। यह क्षार से प्रतिक्रिया कर जिंकेट का निर्माण करता है। अनार्द्र जिंक क्लोराइड जल शोषक के रूप में काम आता है। लकड़ी की वस्तुओं को कीड़ों से बचाने के लिए उस पर जिक क्लोराइड का लेपन किया जाता है।
  5. जिंक कार्बोनेट  यह बेरवेदार सफेद ठोस पदार्थ है। यह जल में अघुलनशील होता है। इसे गर्म करने पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस बाहर निकलती है। जिंक कार्बोनेट से चर्मरोग की दवा बनायी जाती है।
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