जानें कैसे सिक्किम भारत का हिस्सा बना?

स्थान: पूर्वी हिमालय में एक बहुत ही छोटा पहाड़ी राज्य सिक्किम है, जो तिब्बत, नेपाल, भूटान और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल के बीच में स्थित है.
राजधानी: गंगटोक
क्षेत्रफल: 7,096 वर्ग किलोमीटर
प्रधान भाषाएं: लेप्चाम, भूटिया

सिक्किम भारत का दूसरा सबसे कम आबादी वाला 22वां राज्य है जो हिमालय की आंतरिक पर्वत श्रृंखला का एक हिस्सा है. यह देश के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है, दक्षिण से यह पश्चिम बंगाल से घिरा हुआ है, दक्षिण पूर्व में भूटान से, पश्चिम में नेपाल और चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में उत्तर-पूर्वी हिस्से पर स्थित है. यह पर्यटकों का काफी पसंदीदा स्थान है क्योंकि यहां पर सुंदर पहाड़, गहरी घाटियां और जैव विविधता है. सिक्किम का सबसे बड़ा शहर और राजधानी गंगटोक है. यह शिवालिक की पहाड़ियों पर 5500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पर्वत कंचनजंगा को भी गंगटोक से देखा जा सकता है.

क्या आप जानते हैं कि सिक्किम 1975 में भारत का हिस्सा बन गया था परन्तु कैसे, पहले यहां पर किसका शासन था इत्यादि को आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

सिक्किम में पहले किसका शासन था: इतिहास

देखा जाए तो सिक्किम का राजनितिक अतीत है जिसमें कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं जो आदिवासी शासकों, ब्रिटिश सत्ता और इस राज्य के भारत में शामिल होने से सम्बंधित हैं. जब तक लेपाचाओं (17वीं शताब्दी) ने सिक्किम में सत्ता हासिल नहीं कि थी तब तक इस राज्य में मोन, नाओंग और चांग का शासन था. यहां पर सबसे प्रमुख साम्राज्य चोग्याल का था.

1890 के दौर में सिक्किम ब्रिटिश इंडिया के अंतर्गत ‘प्रोटेक्टोरेट स्टेट’ बना. ‘प्रोटेक्टोरेट स्टेट’ मतलब कि सिक्किम की सुरक्षा अब से अंग्रेजों के हाथ में चली गई. बदले में अंग्रेजों को कुछ भाग पर कर लगाने का अधिकार भी मिला.

यह अंग्रेजों की उस नीति का भाग था, जिसमें चीन और ब्रिटिश इंडिया के बीच बफर स्टेट्स (दो बड़े राज्यों को टकराव से बचाने के लिए बीच में स्थापित छोटे देश) की स्थापना की गई, जिसमें शामिल थे नेपाल, भूटान और सिक्किम.

सिक्किम को ब्रिटेन से भारत की आजादी से पहले ही स्वायत्ता मिली हुई थी. सिक्किम में राजतंत्र था और वहां के राजा चोग्याल का शासन था. 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो भारत के साथ सिक्किम की संधि हुई, जिसके अंतर्गत सिक्किम की रक्षा, संचार और विदेश मामले भारत की ओर से देखा जाना तय हुआ और सिक्किम की आजादी बरकरार रखी गई. यानी कि सिक्किम का संरक्षण भारत के हाथों में 1947 के बाद आ गया था जिसमें भारत को सिक्किम की रक्षा, कूटनीति और संचार जैसी जरूरतों को पूरा करना था. 1953 में चोग्याल को शासन में मदद करने के लिए एक स्टेट काउंसिल बनाई गई थी जो 1973 तक अपना काम करती रही. यहीं आपको बता दें कि स्टेट काउंसिल वहां की जनता खुद चुनती थी यानी यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया थी.

भारत में सिक्किम राज्य का विलय

भारत और सिक्किम के बीच हस्ताक्षरित संधि ने सिक्किम की स्थिति को चोग्याल के साथ राजा के रूप में संरक्षित किया था. 1963 में ताशी नामग्याल की मृत्यु हो गई और उनके बेटे पाल्डेन थोंडुप नामग्याल उनके उत्तराधिकारी बने. 1970 की शुरुआत तक राज्य में राजनीतिक उथल पुथल चलती रही जिसके कारण राजशाही को हटाने और लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना की मांग वहां की जनता करने लगी थी. अंत में 1973 में सिक्किम दरबार के खिलाफ व्यापक रूप से आंदोलन शुरू हो गया और इस प्रकार वहां पर प्रशासन का पूर्ण रूप से पतन हुआ. आइये देखते है कैसे पतन हुआ था?

भारत सरकार ने मुख्य प्रशासक श्री बी.एस.दास की नियुक्ति करके राज्य में समानता लाने की कोशिश की. आगे की घटनाओं और चुनावों के कारण सिक्किम एक संरक्षक से एक सहयोगी राज्य में परिवर्तित हो गया. 4 सितंबर 1947 को सिक्किम कांग्रेस के नेता, काजी लेंडुप दोरजी को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित किया गया था. चोग्याल हालांकि अभी भी संवैधानिक प्रमुख राजा के रूप में बने रहे. श्री बी.बी.लाल सिक्किम के पहले गवर्नर थे. चोग्याल और सरकार के बीच टकराव की ओर अग्रसर घटनाओं ने सिक्किम को 16 मई 1975 को भारतीय संघ का पूर्ण 22 वां राज्य बनने का कारण बना दिया. चोग्याल संस्थान को बाद में समाप्त कर दिया गया.

यहीं आपको बता दें कि 1975 में सिक्किम की स्थिति को बदलने के लिए  काजी ल्हेंदुप दोरजी ने सिक्किम को भारत में शामिल करने की सिफारिश की थी.

सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाने के लिए 23 अप्रैल, 1975 को लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक को पेश किया गया, जिसे 299-11 के मत से पास कर दिया गया. 26 अप्रैल को यह बिल राज्यसभा में पास हुआ और 15 मई, 1975 को राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इस बिल पर हस्ताक्षर किए थे. इस प्रकार 16 मई 1975 को सिक्किम को औपचारिक रूप से भारतीय गणराज्य का 22 वां प्रदेश बना लिया गया. सिक्किम भारत का अंग बनने के साथ नाम्ग्याल राजवंश का शासन हमेशा के लिए खत्म हो गया और 1982 में चिग्याल की कैंसर से मृत्यु हो गई. ल्हेंदुप दोरजी वहां के मुख्यमंत्री बने थे.

साथ ही आपको बता दें कि सिक्किम को 35वें संविधान संशोधन से सह-राज्य के रूप में भारत का भाग बनाया गया और 36वें संविधान से सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया.

आखिरकार भारत और चीन के बीच सिक्किम राज्य को लेकर क्या विवाद है?

क्या आप जानते हैं कि भारत और चीन के बीच 3700 स्क्वायर किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है. 1962 में सीमा विवाद को लेकर ही दोनों देश युद्ध भी लड़ चुके हैं. मगर आज भी सीमा को लेकर दोनों देशों में देखा जाए तो तनाव जारी है. यह जो सीमा विवाद है वह भारत-भूटान और चीन सीमा के मिलान बिंदु से जुड़ा हुआ है. सिक्किम में भारतीय सीमा से सटी डोकलाम पठार है जहां पर चीन का सड़क निर्माण करना है. इसी डोकलाम सीमा का कुछ हिस्सा भूटान में भी पड़ता है.

MY NAME IS ADITYA KUMAR MISHRA I AM A UPSC ASPIRANT AND THOUGHT WRITER FOR MOTIVATION

Related Posts

UPSC CSE 2023: देखें IAS ADITYA की मार्कशीट, ये है अब तक का हाईएस्ट स्कोर

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने सिविल सर्विसेज (CSE) के मार्क्स 2023 जारी कर दिए हैं। जो उम्मीदवार परीक्षा में सफल हुए हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in…

पिता ने ठेले पर सब्जी बेचकर पढ़ाया, मृणालिका ने हासिल की 125वीं रैंक | UPSC MOTIVATION

जयपुर में रहने वालीं मृणालिका राठौड़ ने 16 अप्रैल को जारी हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में 125वीं रैंक हासिल की है।…

UPSC Topper Aishwarya: विशाखापट्टनम में इंजीनियर हैं अभी, दूसरे अटेंप्ट में क्लियर किया एग्जाम

UPSC Result 2023 महराजगंज जिले के बहदुरी के टोला मंझरिया की रहने वाली ऐश्वर्यम प्रजापति ने यूपीएससी की परीक्षा में 10वां रैंक लाकर क्षेत्र का नाम रोशन…

कौन हैं UPSC CSE Topper आदित्य श्रीवास्तव? 2017 से कर रहे थे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी

सिविल सेवा परीक्षा 2023 का रिजल्ट आ गया है। इस परीक्षा में कुल 1016 लोगों ने बाजी मारी है। हालांकि परिणाम आने के बाद सभी टॉपर के…

UPSC CSE Result Live Update यूपीएससी सिविल सर्विस का फाइनल रिजल्ट जारी होने वाला है

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) जल्द ही सिविल सेवा 2023 परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी करने वाला है। जो इस परीक्षा में शामिल हुए थे वो आधिकारिक…

UPSC Prepration Tips: नौकरी के साथ कैसे करें यूपीएससी की तैयारी?

भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी और आईआईटी रूड़की से स्नातक हिमांशु त्यागी ने हाल ही में इस बारे में व्यावहारिक सुझाव साझा किए कि कैसे व्यक्ति खुद को “निर्मित…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *