तीन पुश्तों की परंपरा…दादा, पापा, चाचा सभी सिविल सेवा में, पति भी मिला IRS तो खुद भी बन गईं सिविल सेवक  UPSC MOTIVATION

संस्कृति के पिता फिलहाल कर्नाटक में ACS

संस्कृति सिंह के परिजन और पेट्रोल पंप मालिक पप्पू सिंह ने बताया कि उसने कर्नाटक में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी राकेश सिंह की बेटी हैं। 3 साल पहले उनकी शादी हो गई थी। पति भी आईआरएस में रहते हुए इनकम टैक्स कमिश्नर के पद पर काम कर रहे हैं। वहीं, दिल्ली और कर्नाटक में पढ़ाई करने के बाद संस्कृति सिंह ने ये सफलता हासिल की। UPSC

शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत तोयगढ़ गांव निवासी राकेश सिंह की पुत्री संस्कृति सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की परंपरा को आगे बढ़ाया है. बता दें की संस्कृति के दादा स्व. भरत सिंह शेखपुरा जिला के पहले आईपीएस थे. उनका निधन पिछले साल हो गया. भरत सिंह के दो बेटे हैं राकेश सिंह और मुकेश सिंह. ये दोनों भी सिविल सेवा में हैं.

संस्कृति की सफलता पर गांव के साथ-साथ पूरे जिले में खुशी की लहर देखी जा रही है. यूपीएससी परीक्षा परिणाम में संस्कृति कुमारी को 366वीं रैंक प्राप्त हुई है. परिजनों की मानें तो संस्कृति बचपन से ही पढ़ने-लिखने में तेज थी. संस्कृति के पिता राकेश सिंह कर्नाटक राज्य में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के तौर पर कार्य कर रहें हैं.

जानकारी देते हुए संस्कृति के मामा पप्पू सिंह ने बताया कि तीन साल पहले संस्कृति की शादी हुई है. उनके पति भी आईआरएस अधिकारी है. फिलहाल वह इनकम टैक्स कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं. बता दें कि दिल्ली और कर्नाटक में पढ़ाई करने के बाद संस्कृति को यह सफलता मिली है.

अफसरों के परिवार की रहने वाली हैं संस्कृति

भरत सिंह के दो बेटे राकेश सिंह एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कर्नाटक सरकार में अभी कार्यरत हैं। ये उनकी इकलौती बेटी संस्कृति सिंह हैं। जिन्होंने यूपीएससी में सफलता हासिल की। भरत सिंह के दूसरे बेटे मुकेश सिंह असिस्टेंट सीएजी के पद से रिटायर हुए हैं। इससे पता चलता है कि संस्कृति के परिवार में पहले से ही कई ब्यूरोक्रेट्स रहे हैं।

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