बाल जनसंख्या FOR UPSC IN HINDI

0-6 वर्ष आयु वर्ग की जनसंख्या आंकड़ों का प्राथमिक तौर पर अर्थ साक्षरता दरों की गणना करने के लिए होता है जो 7 साल से ऊपर की जनसंख्या के लिए किया जाता है। हालांकि, ये आंकड़े हमें व्यापक रूप से जनसंख्या संवृद्धि के साथ संभावित संबंधों के विश्लेषण करने में सक्षम बनाता है। सुरक्षात्मक रूप से यह माना जा सकता है कि जनसंख्या का यह वर्ग अंतरराज्यीय प्रवास द्वारा बेहद कम प्रभावित होता है।

Child Population

0-6 आयु समूह की जनसंख्या 2001 के लगभग 163.8 मिलियन की तुलना में 2011 में 164.5 मिलियन थी। इसमें, 121.3 मिलियन ग्रामीण क्षेत्रों में और 43.2 मिलियन शहरी क्षेत्रों में थे। बाल जनसंख्या 2001-2011 के दौरान 0.7 मिलियन बढ़ी है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 5.2 मिलियन की कमी और शहरी क्षेत्रों में 5.9 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कुल जनसंख्या में बाल जनसंख्या का प्रतिशत 2001 में 15.9 प्रतिशत था, जो 2011 में घटकर 13.6 प्रतिशत हो गया है। जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, एवं मेघालय में कुल जनसंख्या में बाल जनसंख्या का प्रतिशत 15 प्रतिशत है जबकि हिमाचल प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल में यह अनुपात 9.5 प्रतिशत है। सिक्किम एवं त्रिपुरा अन्य राज्य हैं जिनका कुल जनसंख्या में बाल जनसंख्या का अनुपात 10 प्रतिशत से कम है।

जम्मू-कश्मीर ऐसा राज्य है, जिसने अपवाद के तौर पर कुल जनसंख्या में बाल जनसंख्या में 1.5 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की है, और नागालैंड में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बाकी अन्य राज्यों और संघ प्रदेशों में बाल जनसंख्या अनुपात में गिरावट दर्ज की गई है।

जनसंख्या में कमी का भौगोलिक वितरण अब पूरे देश में फैल चुका है और उत्तर-दक्षिण जनांकिकीय अंतर क्षीण होने लगा है। हालांकि, प्रजनन ह्रास लिंग में एक समान हो भी सकता है और नहीं भी और शिशु लिंगानुपात पर इसका प्रभाव मानव विकास का एक बेहद महत्वपूर्ण पहलू बन गया है।

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