• HOME
  • DAILY CA
  • UPSC4U NOTES
    • HISTORY
    • POLITY
    • ECONOMICS
    • GEOGRAPHY
    • ESSAY
  • EXAM TIPS
  • PDF4U
    • UPSC BOOKS
    • UPSC MAGAZINE
    • UPSC NCERT
      • NCERT HISTORY
      • NCERT GEOGRAPHY
      • NCERT ECONOMICS
      • NCERT POLITY
      • NCERT SCIENCE
  • OPTIONAL
    • HINDI OPTIONAL
      • HINDI BOOKS
      • HINDI NOTES
    • HISTORY OPTIONAL
    • SOCIOLOGY OPTIONAL
  • MOTIVATION
  • ABOUT US
    • PRIVACY POLICY & TERMS OF SERVICE
  • CONTACT
  • Advertise with Us
UPSC4U
  • HOME
  • DAILY CA
  • UPSC4U NOTES
    • HISTORY
    • POLITY
    • ECONOMICS
    • GEOGRAPHY
    • ESSAY
  • EXAM TIPS
  • PDF4U
    • UPSC BOOKS
    • UPSC MAGAZINE
    • UPSC NCERT
      • NCERT HISTORY
      • NCERT GEOGRAPHY
      • NCERT ECONOMICS
      • NCERT POLITY
      • NCERT SCIENCE
  • OPTIONAL
    • HINDI OPTIONAL
      • HINDI BOOKS
      • HINDI NOTES
    • HISTORY OPTIONAL
    • SOCIOLOGY OPTIONAL
  • MOTIVATION
  • ABOUT US
    • PRIVACY POLICY & TERMS OF SERVICE
  • CONTACT
  • Advertise with Us

GEOGRAPHY

Home » भारत की मिट्टियाँ UPSC NOTES IN HINDI

भारत की मिट्टियाँ UPSC NOTES IN HINDI

  • Posted by ADITYA KUMAR MISHRA
  • Categories GEOGRAPHY, GEOGRAPHY NEW, MATERIAL
  • Comments 0 comment

भारत की मिट्टियाँ

भारत देश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की पाई जाने वाली मिट्टियों की किस्मों को पाँच भागों में बाँटा गया है –

1 जलोढ़ मिट्टी

2 काली मिट्टी

3 लाल मिट्टी

4 लैटेराइट मिट्टी (बलुई )

5 रेतीली (रेगिस्तानी मिट्टी)

जलोढ़ मिट्टी

जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil) को दोमट और कछार मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है. नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी को जलोढ़ मिट्टी कहते हैं. यह मिट्टी हमारे देश के समस्त उत्तरी मैदान में पाई जाती है. प्रकृति से यह एक उपजाऊ मिट्टी होती है. उत्तरी भारत में जो जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है, वह तीन मुख्य नदियों द्वारा लाई जाती है – सिन्धु, गंगा और ब्रह्मपुत्र.

Image result for जलोढ़ मिट्टी

यह भारत के सर्वाधिक क्षेत्रफल 43% पर विस्तृत है।

जलोढ़ मिट्टी दो प्रकार के होते हैं।

1- खादर

2- बांगर

नदी के आसपास बाढ़ क्षेत्र की जलोढ़ मिट्टी खादर मिट्टी कहलाती है। खादर मिट्टी हर साल नई हो जाती है बाढ़ के माध्यम से

नदी से दूर ऊंचे क्षेत्रों के पुराने जलोढ़ को बांगर मिट्टी कहते हैं।

बांगर मिट्टी हर साल नहीं नहीं होती है अतः खादर मिट्टी अपेक्षाकृत अधिक उपजाऊ होता है।

जलोढ़ मिट्टी में भी ह्यूमस, नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी पाई जाती है।जलोढ़ मिट्टी में पोटेशियम और चूना प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

काली मिट्टी

काली मिट्टी (Black Soil) में एक विशेषता यह है कि यह नमी को अधिक समय तक बनाये रखती है. इस मिट्टी को कपास की मिट्टी या रेगड़ मिट्टी भी कहते हैं. काली मिट्टी कपास की उपज के लिए महत्त्वपूर्ण है. यह मिट्टी लावा प्रदेश में पाई जाती है. इस प्रकार इस मिट्टी के क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश का पश्चिमी भाग और मैसूर का उत्तरी भाग आते हैं.

Classification of Indian Soils. - Krishisewa

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काली मिट्टी को चेरनोजम कहा गया है। चेरनोजम मिट्टी मुख्य रूप से काला सागर के उत्तर में यूक्रेन में तथा ग्रेट लेक्स के पश्चिम में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में पाई जाती है।

काली मिट्टी को लावा मिट्टी भी कहते हैं क्योंकि यह दक्कन ट्रैप के लावा चट्टानों की अपक्षय अर्थात टूटने फूटने से निर्मित हुई मिट्टी है।

काली मिट्टी की प्रमुख विशेषता यह है कि उसमें जल धारण करने की सर्वाधिक क्षमता होती है काली मिट्टी बहुत जल्दी चिपचिपी हो जाती है तथा सूखने पर इस में दरारें पड़ जाती हैं इसी गुण के कारण काली मिट्टी को स्वत जुताई वाली मिट्टी कहा जाता है।

लाल मिट्टी

यह चट्टानों की कटी हुई मिट्टी है. यह मिट्टी अधिकतर दक्षिणी भारत में मिलती है. लाल मिट्टी (Red Soil) के क्षेत्र महाराष्ट्र के दक्षिण-पूर्वी भाग में, मद्रास में, आंध्र में, मैसूर में और मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग में, उड़ीसा, झारखण्ड के छोटा नागपुर प्रदेश में और पश्चिमी बंगाल तक फैले हुए हैं.

Rajsthan me lal mitti ke kshetra - YouTube

भारत में दूसरा सर्वाधिक क्षेत्र 18% में पाया जाने वाला मिट्टी लाल मिट्टी है।

लाल मिट्टी लोहे के ऑक्साइड के कारण लाल दिखाई देता है।

लाल मिट्टी पठारी भारत के कम वर्षा वाले क्षेत्रों की मिट्टी हैं। यह उपजाऊ मिट्टी नही है, यही कारण है कि खाद्यान्नों की खेती यहाँ कम होती हैं।

लैटेराइट मिट्टी

लैटेराइट मिट्टी (Laterite Soil) के क्षेत्र दक्षिणी प्रायद्वीप के दक्षिण-पूर्व की ओर पतली पट्टी के रूप में मिलते हैं. इन मिट्टियों को पश्चिम बंगाल से असम तक देखा जा सकता है.

लैटेराइट मिट्टी - भारतकोश, ज्ञान का ...

लैटेराइट मिट्टी का निर्माण दो परिस्थितियों में होता है।

1- 200 सेंटीमीटर से अधिक वार्षिक वर्षा

2- अधिक गर्मी

लैटेराइट मिट्टी की उपजाऊ मिट्टी है इसलिए या खानदान की लैटेराइट मिट्टी की उपजाऊ मिट्टी है इसलिए या खाद्यान्न की खेती के लिए उपयुक्त नहीं है।

ईट बनाने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त मिट्टी लैटेराइट मिट्टी है।

लैटेराइट मिट्टी में ह्यूमस, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (k) की कमी पाई जाती है और लोहे और एल्यूमीनियम के ऑक्साइड की प्रचुरता होती है और लोहे के ऑक्साइड के कारण ही लैटेराइट मिट्टी का रंग लाल होता है।

यहां पर चाय, कॉफी, मसाला, काजू, चीनकोना की खेती होती है।

यह मिट्टी अम्लीय होती है।

रेगिस्तानी मिट्टी

यह मिट्टी राजस्थान के थार प्रदेश में, पंजाब के दक्षिणी भाग में राजस्थान के कुछ अन्य भागों तथा गुजरात के कच्छ क्षेत्र में मिलती है।अकेला थार मरुस्थल ही लगभग 1,03,600 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र तक फैला हुआ है.

रेगिस्तान और अर्ध-रेगिस्तान: मिट्टी ...

इसका मिट्टी में खाद्यान्नों की खेती संभव नहीं है इसलिए यहां पर ज्वार, बाजरा, सरसों एवं मोटे अनाज की खेती की जाती है।

मृदा / मिट्टी से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य –

  • भारतीय मृदाओं में किस सूक्ष्म तत्व की सर्वाधिक कमी पायी जाती है – जस्ता 
  • कौन सी फसल मृदा को नाइट्रोजन से भरपूर कर देती है – मटर 
  • भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए कौनसी फसल उगाई –  उड़द 
  • हिमालय की मिट्टियों में किसका आभाव रहता है – ह्यूमस
  • पौधों को जल सर्वाधिक किस मिट्टी में मिलता है – चिकनी मिट्टी 
  • किस मिट्टी में जल का आवागमन कम होता है – चिकनी मिट्टी 
  • सामान्य फसलें उगाने के लिए मृदा का pH मान कितना होना चाहिए – 6 से 7 
  • अम्लीय मृदा को कृषि योग्य बनाने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है – चूना ( लाइम )
  • मृदा में खारापन और क्षारीयता की समस्या का हल क्या है – जिप्सम ( कैल्शियम सल्फेट )
  • भारत में सर्वाधिक क्षारीय क्षेत्र किस राज्य में पाया जाता है – उत्तर प्रदेश 
  • भारत के किस क्षेत्र में मृदा अपरदन की समस्या गंभीर है – शिवालिक पहाड़ियों के पाद क्षेत्र 
  • मृदा की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हेतु क्या आवश्यक है – फसल चक्र 
  • मृदा अपरदन रोकने का सबसे अच्छा उपाय – वनरोपण 
  • Share:
author avatar
ADITYA KUMAR MISHRA

MY NAME IS ADITYA KUMAR MISHRA
I AM A UPSC ASPIRANT AND THOUGHT WRITER FOR MOTIVATION

Previous post

दक्षिण भारत के राजवंश UPSC NOTES IN HINDI
April 20, 2020

Next post

भारत में कृषि UPSC NOTES IN HINDI
April 20, 2020

You may also like

GEOGRAPHY
प्रमुख वनस्पतियॉं और उनका वर्गीकरण
15 March, 2023
GEOGRAPHY
सौर समय किसे कहते हैं ?
15 March, 2023
GEOGRAPHY
भूकंप, कारण और उसके प्रभाव
15 March, 2023

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Search

Categories

DOWNLOAD MOTOEDU

UPSC BOOKS

  • Advertise with Us

UPSC IN HINDI

  • ECONOMICS
  • GEOGRAPHY
  • HISTORY
  • POLITY

UPSC4U

  • UPSC4U SITE
  • ABOUT US
  • Contact

MADE BY ADITYA KUMAR MISHRA - COPYRIGHT UPSC4U 2023

  • UPSC4U RDM
Back to top