रैट होल माइनिंग – what is rat-hole mining

रैट-होल माइनिंग क्या है?

रैट होल माइनिंग कोयला खनन की एक खतरनाक और अवैध प्रथा है जिसमें मजदूर संकरी, क्षैतिज सुरंगों में रेंगकर कोयला निकालते हैं। इन सुरंगों को अक्सर “चूहे के छेद” के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे बहुत छोटे और संकरे होते हैं, जिसके कारण मजदूरों को रेंगकर काम करना पड़ता है।

  • परिचय:
    • रैट-होल माइनिंग, जिसे उपयुक्त रूप से कृंतक जीवों के बिलों से मिलता-जुलता होने के कारण नामित किया गया है, भारत के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से मेघालय में प्रचलित कोयला निकालने की एक अवैध और अत्यधिक खतरनाक वधि है
    • व्यापक मशीनीकृत आधारित खदानों के विपरीत, इस विधि में संकीर्ण, क्षैतिज सुरंगों की खुदाई शामिल है, जिनका आकार इतना होता है कि इनमें केवल एक व्यक्ति कार्य करने में सक्षम होता है
    • ये सुरंगें, जिन्हें अक्सर “रैट होल” कहा जाता है, भूमिगत रूप से दस मीटर तक चौड़ी हो सकती हैं।
    • उत्खननकर्त्ता खतरनाक तरीके से उतरने के लिये तात्कालिक मचानों, बाँस की सीढ़ियों या रस्सियों का उपयोग करते हैं और वे क्लॉस्ट्रोफोबिक, खराब हवादार वातावरण में काम करने के लिये अन्य आदिम उपकरणों के बीच फावड़े तथा गैंती का उपयोग करते हैं।
    • खदानों से निकाले गए कोयले को फिर इन संकीर्ण मार्गों से वापस लाया जाता है, जिससे पूरी प्रक्रिया अविश्वसनीय रूप से जोखिमपूर्ण और जटिल हो जाती है।
  • रैट होल माइनिंग के खतरे:
    • सुरंग ढहना: रैट होल माइनिंग में सुरंग ढहने का खतरा बहुत अधिक होता है, क्योंकि ये सुरंगें अक्सर कमजोर होती हैं और इन्हें ठीक से सहारा नहीं दिया जाता है।
    • खतरनाक गैसें: रैट होल माइनिंग में मजदूरों को कार्बन मोनोऑक्साइड, मीथेन और अन्य खतरनाक गैसों के संपर्क में आने का खतरा होता है।
    • धूल: रैट होल माइनिंग में मजदूरों को कोयले की धूल के संपर्क में आने का खतरा होता है, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
    • स्वास्थ्य समस्याएं: रैट होल माइनिंग में काम करने वाले मजदूरों को अक्सर पीठ दर्द, जोड़ों में दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।
    • दुर्घटनाएं: रैट होल माइनिंग में विस्फोट और अन्य दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं।
  • प्रकार:
    • साइड-कटिंग प्रक्रिया: संकीर्ण सुरंगों को साइड-कटिंग प्रक्रिया में पहाड़ी ढलानों में खोदा जाता है, जहाँ श्रमिक मेघालय की पहाड़ियों में आमतौर पर 2 मीटर से कम संकरी कोयले की सीम का पता लगाने के लिये प्रवेश करते हैं।
    • बॉक्स-कटिंग: बॉक्स-कटिंग का उपयोग करके कोयला निकालते समय, एक आयताकार प्रवेश द्वार बनाया जाता है तथा एक ऊर्ध्वाधर गड्ढा खोदा जाता है, और फिर रैटहोल के आकार की क्षैतिज सुरंगें तैयार की जाती हैं।
  • भौगोलिक विस्तार:
    • हालाँकि रैट-होल माइनिंग मुख्य रूप से मेघालय में प्रचलित है, लेकिन भारत के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी रैट-होल माइनिंग की जाती है।
    • इसे कोयले की पतली परत वाले क्षेत्रों में किया जाता है, जो बड़े पैमाने पर माइनिंग  तकनीकों के लिये अनुपयुक्त है।
  • रैट होल माइनिंग को रोकने के लिए कदम:
    • कानून प्रवर्तन: रैट होल माइनिंग को रोकने के लिए सरकार को इस प्रथा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
    • जागरूकता अभियान: सरकार को रैट होल माइनिंग के खतरों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना चाहिए।
    • विकल्प प्रदान करना: सरकार को रैट होल माइनिंग में काम करने वाले लोगों को वैकल्पिक रोजगार प्रदान करना चाहिए।
    • बचाव और सहायता: सरकार को रैट होल माइनिंग दुर्घटनाओं में फंसे मजदूरों के बचाव और सहायता के लिए बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए।
  • रैट होल माइनिंग एक गंभीर समस्या है जिसके लिए तत्काल समाधान की आवश्यकता है। सरकार, गैर-सरकारी संगठनों और समुदायों को मिलकर काम करके इस खतरनाक प्रथा को खत्म करने और रैट होल माइनिंग में काम करने वाले लोगों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।

रैट-होल माइनिंग को विनियमित करने के उपाय क्या हैं?

  • नगालैंड में रैट-होल माइनिंग  का विनियमन:
    • नगालैंड में 492.68 मिलियन टन कोयला भंडार छोटे, अनियमित क्षेत्रों में बिखरा हुआ है, जिसके कारण बड़े स्तर पर माइनिंग संचालन की अव्यवहारिकता के कारण 2006 की नगालैंड कोयला माइनिंग नीति के तहत रैट होल माइनिंग की अनुमति दी गई है।
    • रैट-होल माइनिंग लाइसेंस, जिन्हें छोटे पॉकेट डिपॉज़िट लाइसेंस के रूप में जाना जाता है, विशेष रूप से व्यक्तिगत भूमि मालिकों को सीमित अवधि और विशिष्ट शर्तों के साथ प्रदान किये जाते हैं।
    • रैट-होल माइनिंग हेतु पर्यावरणीय अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु वन एवं पर्यावरण जैसे विभागों से अनुमोदन की आवश्यकता होती है, फिर भी सरकारी अनुमति तथा योजनाओं के बावजूद अवैध माइनिंग संचालन होता रहता है।
  • अनुच्छेद 371A और नगालैंड में रैट-होल माइनिंग पर नियंत्रण:
    • अनुच्छेद 371A  नगालैंड में सरकारी विनियमन को जटिल बनाता है, जिससे छोटे स्तर पर माइनिंग की निगरानी बाधित होती है, विशेषतः व्यक्तिगत भूमि मालिकों द्वारा।

What is a significant environmental issue associated with Rat-hole mining, particularly noted in the Northeastern states of India?

  • Select the correct option:

ALarge scale deforestation

BDecline in the population of indigenous bird species

CContamination of water sources due to acid mine drainage

DIncrease in the albedo effect due to land clearing

MY NAME IS ADITYA KUMAR MISHRA I AM A UPSC ASPIRANT AND THOUGHT WRITER FOR MOTIVATION

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