6 बार दी UPSC की परीक्षा, डेटा एंट्री की नौकरी की, आखिरकार बन गईं IAS

ये कहानी आईएएस राम्या सीएस के सब्र और हौसले की कहानी है. उसने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी पूरी लगन से की. पास न होने पर हार नहीं मानी और छठे प्रयास तक एग्जाम देने का जज्बा कायन रखा. आखिरकार उन्हें सफलता मिली.

सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) में सफलता प्राप्त करने का सपना लगभग हर उम्मीदवार देखता है और इसे सच करने का भरपूर प्रयास भी करता है। लेकिन हर किसी को सफलता एक ही प्रयास में मिल जाए ऐसा संभव नहीं है। किसी को पहले तो किसी को दूसरे और कई लोगों को इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए आखिरी अटेम्प्ट का इंतजार करना पड़ता है। ऐसा ही सफर है सिविल सर्विस एग्जाम 2021 में रैंक 46 प्राप्त करने वाली राम्या का। उनके यूपीएससी का सफर (UPSC Success Story) उतना आसान नहीं था। राम्या को अपने लक्ष्य तक पहुंचने में 6 प्रयास लग गए।

छठे प्रयास में यूपीएससी पास करने वाली वह आईएएस राम्या सीएस हैं जिन्होंने 2021 में यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) सिविल सेवा परीक्षा में एआईआर 46 हासिल की थी. राम्या सीएस तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले से हैं.

सुधारने के लिए पॉलिटेक्निक में लिया एडमिशन
कोयंबटूर से ताल्लुक रखने वाली राम्या (IAS Ramya) ने अपने लाइफ में कई उतार-चढ़ाव देखे। उन्हें बचपन से लेकर सिविल सर्विस तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। रम्या की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी और उनकी मां ने कठिन परिस्थितियों में उन्हें पाला। जीवन के संघर्षों को खत्म कर अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए राम्या ने जल्द से जल्द अपने पैरों पर खड़े होकर नौकरी करने की ठानी और यही कारण रहा कि उन्होंने 10वीं की परीक्षा के बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा में एडमिशन ले लिया। लेकिन पढ़ाई के दौरान जब उन्होंने डिप्लोमा के बाद अवसरों के विषय में अधिक जानने का प्रयास किया तब उन्हें समझ आया कि बेहतर शिक्षा ही उनकी स्थिति में बदलाव कर सकती है।

राम्या सीएस ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2021 में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 46 हासिल की. ​​राज्य स्तर पर, उन्होंने दूसरी रैंक हासिल की है. राम्या सीएस की एजुकेशन की बात करें तो उनके पास इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (EEE) में ग्रेजुएशन की डिग्री है. उन्होंने कोयंबटूर प्रौद्योगिकी संस्थान से ग्रेजुएशन की. सीखने की इच्छुक राम्या ने इग्नू से एमबीए भी पूरा किया.

UPSC के लिए छोड़ दी नौकरी
डिप्लोमा के दौरान ही उनके प्रोफेसर ने कहा कि नौकरी प्राप्त करना तो आसान है लेकिन उसके बाद आपकी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना बेहद मुश्किल है। प्रोफेसर की बातों ने रम्या के बेहद प्रभावित किया और डिप्लोमा में अपने बेहतर मार्क्स के आधार पर उन्होंने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन ले लिया। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें नौकरी भी मिली और साथ ही प्रमोशन भी मिला। इसके बाद उन्होंने इग्नू से एमबीए भी किया। लेकिन नौकरी के बाद भी राम्या को वो सुकुन नहीं मिल रहा था जिसकी उन्हें तलाश थी। 2017 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ और सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी करने का मन बना लिया।

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए, राम्या ने 2017 में बेंगलुरु स्थित एक इंस्ट्रूमेंटेशन कंपनी में नौकरी छोड़ दी. उन्होंने वहां 3 साल से अधिक समय तक काम किया. उसने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी पूरी लगन से की. पास न होने पर हार नहीं मानी और छठे प्रयास तक एग्जाम देने का जज्बा कायन रखा. आखिरकार उन्हें सफलता मिली.

लगातार 5 प्रीलिम्स में असफलता
हालांकि राम्या का यूपीएससी का सफर भी उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। उन्होंने पांच प्रयास किए लेकिन किसी भी प्रयास में उनका प्रीलिम्स परीक्षा ही क्लियर नहीं हुआ। यहां तक की उन्होंने आर्थिक स्थिति को सामान्य रखने के लिए परीक्षा की तैयारी के दौरान डाटा एंट्री की जॉब भी की। राम्या ने असफलताों के बाद भी हार नहीं मानी और तैयारी के पूरे प्रोसेस को एक सीख की तरह लिया। उनका कहना है कि उनका मां उनकी यूपीएससी जर्नी में हमेशा साथ रहीं। परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए रम्या कहती हैं कि अपनी स्थिति को कभी भी कमजोर न समझे बल्कि उसे एक बेहतर शुरुआत के रूप में इस्तेमाल करें।

MY NAME IS ADITYA KUMAR MISHRA I AM A UPSC ASPIRANT AND THOUGHT WRITER FOR MOTIVATION

Related Posts

22 साल की उम्र में बनीं IAS, हासिल की ऑल इंडिया 28वीं रैंक IAS Chandrajyoti Singh

IAS Chandrajyoti Singh UPSC Success Story: आईएएस ऑफिसर चंद्रज्योति सिंह ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए एक साल का समय लिया…

IAS ऑफिसर के तौर पर सबसे पहले ये काम करना चाहते हैं UPSC टॉपर ADITYA SRIVASTAVA

2019 में शुरू हुई थी प्रोफेशनल जर्नी आदित्य की प्रोफेशनल जर्नी 2019 में शुरू हुई, जब वह अग्रणी निवेश बैंकों में से एक, Goldman Sachs में शामिल…

दिहाड़ी मजदूर के बेटा-बेटी बने दरोगा, पिता को किया सैल्यूट तो भर आईं आंखें

आगरा में भाई-बहनों ने पुलिस में उपनिरीक्षक बनकर अपने मजदूर पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. पिता दिन-रात मेहनत करके छह हजार रुपये महीना कमाते…

बेटी हो तो ऐसी…डॉक्टरी की पढ़ाई छोड़ पूरा किया पिता का सपना, पहले IPS, फिर बनीं IAS

आईएएस मुद्रा गैरोला एक प्रेरणादायक व्यक्ति हैं जिन्होंने अपनी अद्भुत यात्रा और उपलब्धियों के लिए ध्यान आकर्षित किया है। उत्तराखंड में एक छोटे से गाँव में जन्मी…

MPPSC पास करके आंचल अग्रवाल बनी नायब तहसीलदार MPPSC का 3 साल बाद आया रिजल्ट

उमरिया जिले के चंदिया तहसील में पदस्थ नायब तहसीलदार कर्तव्य अग्रवाल की पत्नी आचल अग्रवाल का सिलेक्शन नायब तहसीलदार के पद पर हुआ है। 3 साल बाद…

5 बार दी UPSC परीक्षा, 2 बार हुए सफल, नौकरी के साथ की तैयारी, पहले IPS, फिर बने IAS

जिंदगी में छोटी असफलताओं से हारने वालों के लिए कृष्ण कुमार सिंह बड़ी प्रेरणा हैं. गाजियाबाद के रहने वाले इस लड़के ने हार मानने के बजाय अपनी…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *