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‘संवेदना’ हेल्पलाइन 

कोविड-19 महामारी के दौरान प्रभावित बच्चों को मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा और भावनात्मक समर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग’ (NCPCR) द्वारा ‘संवेदना’ हेल्पलाइन के माध्यम से बच्चों को टेली-परामर्श की सुविधा प्रदान की जा रही है। ‘संवेदना’ (SAMVEDNA) का आशय ‘सेंसिटाइज़िंंग एक्शन ऑन मेंटल हेल्थ वल्नरेबिलिटी थ्रू इमोशनल डेवलपमेंट एंड नेससरी एक्सप्टेंस’ से है। इस टोल-फ्री हेल्पलाइन की शुरुआत कोविड-19 महामारी से प्रभावित बच्चों को मनो-सामाजिक मानसिक सहायता प्रदान करने के लिये की गई है। ‘संवेदना’ टेली-परामर्श सेवा महामारी के दौरान बच्चों का तनाव, चिंता, भय और अन्य समस्याओं को दूर कर उनको मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से गठित की गई है। बच्चों को कुल तीन श्रेणियों में टेली-परामर्श की सुविधा प्रदान की जाती है: (1) जो बच्चे क्वारंटाइन/आइसोलेशन/कोविड केयर सेंटर में हैं, (2) जिन बच्चों के माता-पिता या परिवार के सदस्य या अन्य कोई करीबी जो कोविड-19 से संक्रमित है अथवा (3) जिन बच्चों ने कोविड-19 महामारी की वजह से अपने माता-पिता को खो दिया है। यह टोल-फ्री टेली-परामर्श सुविधा देश भर के बच्चों को तमिल, तेलुगू, कन्नड़, उड़िया, मराठी, गुजराती, बंगाली आदि विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में सहायता प्रदान करती है। ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग’ एक वैधानिक इकाई है और भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत कार्य करती है।

हिम तेंदुए के 70% से अधिक आवास अज्ञात हैं : WWF 


विश्व वन्यजीव कोष (World Wildlife Fund) ने हाल ही में दावा किया है कि 70% से अधिक हिम तेंदुओं के आवास अज्ञात/अनन्वेषित (unexplored) हैं। इस संगठन ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट “A spatially explicit review of the state of knowledge in the snow leopard range” जारी की।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

हिम तेंदुए (snow leopard) पर अधिकांश शोध नेपाल, भारत और चीन द्वारा किए गए हैं। दुनिया में सिर्फ चार हजार हिम तेंदुआ ही बचे हैं। बढ़ते आवास नुकसान और गिरावट, समुदायों के साथ संघर्ष और अवैध शिकार के कारण उन्हें लगातार खतरों का सामना करना पड़ रहा है।

चूंकि हिम तेंदुए दुर्गम इलाकों में रहते हैं, इसलिए हिम तेंदुए और उनके आवास पर शोध करना बेहद मुश्किल है। यही कारण है कि आज तक उनका पूरा निवास स्थान अस्पष्ट बना हुआ है।

पहला हिम तेंदुआ सर्वेक्षण

अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस (International Snow Leopard Day) (24 अक्टूबर) पर, भारत ने 2019 में Snow Leopard Population Assessment लॉन्च किया था। हालाँकि, यह सर्वे अभी शुरू होना बाकी है। कई राज्य सरकारों जैसे उत्तराखंड आदि ने स्थानीय सर्वेक्षण शुरू किए हैं।

हिम तेंदुआ संरक्षण

  • आईयूसीएन: कमजोर (Vulnerable)
  • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I (Schedule I)
  • उद्धरण: परिशिष्ट I (Appendix I)

हिम तेंदुए का संरक्षण (Conservation of Snow Leopard)

GSLEP: GSLEP का अर्थ Global Snow Leopard and Ecosystem Protection Programme है। इसे भारत, नेपाल, चीन, भूटान, मंगोलिया, पाकिस्तान, उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, अफगानिस्तान और रूस जैसे 12 हिम तेंदुए रेंज देशों द्वारा लॉन्च किया गया था।

SECURE Himalaya : यह एक वैश्विक पर्यावरण सुविधा- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा वित्त पोषित परियोजना है।

भारत में हिम तेंदुए (Snow Leopards in India)

भारत में हिम तेंदुए अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर में पाए जाते हैं। ये क्षेत्र वैश्विक हिम तेंदुआ श्रेणी में 5% का योगदान करते हैं। सरकार 2009 से प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड (Project Snow Leopard) चला रही है।

जलवायु परिवर्तन के कारण सबसे पुराने शैल चित्रों का अपक्षय

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि पर्यावरण क्षरण दुनिया की मानव विरासत के सबसे पुराने और सबसे कीमती टुकड़ों में से एक को मार रहा है।
45,000-20,000 साल पहले के प्लेइस्टोसिन-युग के रॉक पेंटिंग एक खतरनाक दर से अपक्षय कर रहे हैं।
स्थान: मारोस-पैंगकेप क्षेत्र में गुफा स्थल, दक्षिणी सुलावेसी, इंडोनेशिया
कलाकृति में वह शामिल है जिसे माना जाता है कि यह दुनिया की सबसे पुरानी हाथ की स्टैंसिल है जिसे एक गुफा की दीवार पर हाथ दबाकर बनाया गया है, और उस पर गीले लाल-शहतूत के रंग का छिड़काव किया गया है।
पास की एक गुफा में एक जानवर का दुनिया का सबसे पुराना चित्रण है, जो 45,500 साल पहले दीवार पर चित्रित एक मस्सा सुअर था।
सुलावेसी की गुफा कला यूरोप की प्रागैतिहासिक गुफा कला से काफी पुरानी है।

यूपी। सुन्नी वक्फ बोर्ड

उत्तर प्रदेश (यूपी) सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हाल ही में यूपी के बाराबंकी में एक मस्जिद के विध्वंस की निंदा की और इसकी बहाली की मांग की।

यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड वक्फ अधिनियम, 1954 के तहत गठित एक निकाय है।
यह सुन्नी मुस्लिम वक्फ (दान) संपत्तियों, वक्फ संस्थानों और यूपी के सुन्नी मुस्लिम समुदाय के विवाह रिकॉर्ड के मामलों का प्रबंधन करता है।
यह बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि शीर्षक विवाद में मुख्य मुस्लिम वादी रहा है।


महत्वपूर्ण मूल्यवर्धन

एक वक्फ (जिसे वक्फ या हबस भी कहा जाता है) इस्लामी कानून के तहत एक अविभाज्य धर्मार्थ बंदोबस्ती है।
इसमें आम तौर पर संपत्ति को पुनः प्राप्त करने के इरादे से मुस्लिम धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए एक इमारत, भूमि का भूखंड या अन्य संपत्ति दान करना शामिल है।
वक्फ अधिनियम, 1954 की धारा 9(1) के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों द्वारा राज्य वक्फ बोर्डों की स्थापना की गई थी।
भारत में “बोर्डों के कामकाज और वक्फ के उचित प्रशासन से संबंधित मामलों पर” सरकार को सलाह देने के लिए एक केंद्रीय वक्फ परिषद भी है।

अंटार्कटिका 2060 तक जलवायु परिवर्तन बिंदु (Climate Tipping Point) की ओर बढ़ रहा है

एक नए अध्ययन में कहा गया है कि अंटार्कटिका की बर्फ की चादरें 2060 तक जलवायु परिवर्तन बिंदु (Climate Tipping Points) की ओर बढ़ रही हैं।

अंटार्कटिका में जलवायु बदलाव

अंटार्कटिका में कई बर्फ विशाल खंड हैं। जैसे ही ये बर्फ खंड  टूटते  हैं, बर्फ की ऊंची चट्टानें अपने आप खड़ी नहीं हो सकती हैं। इस अध्ययन में पाया गया कि ये बर्फ के यह खंड तेजी से टूट रहे हैं।

अंटार्कटिका की बर्फ की चादरें और खंड उन बेड रॉक्स पर जमी हुई हैं जो महाद्वीप के केंद्र की ओर ढलती हैं। समुद्र के पानी के गर्म होने से उनके निचले किनारे पिघल रहे हैं। यह उन्हें अस्थिर कर सकता है।  इस प्रकार, यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि अंटार्कटिका अपरिवर्तनीय जलवायु परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है, अर्थात यह अपने जलवायु परिवर्तन बिंदु (Climate Tipping Points) की ओर बढ़ रहा है।

जलवायु परिवर्तन बिंदु (Climate Tipping Points)

जलवायु परिवर्तन बिंदु (Climate Tipping Points) वह दहलीज है जो बड़े बदलाव की ओर ले जाती है।

Intergovernmental Panel on Climate Change (IPCC) की पांचवीं असेसमेंट रिपोर्ट ने जलवायु परिवर्तन बिंदु (Climate Tipping Points) को जलवायु प्रणाली में अपरिवर्तनीय परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया। इसे अक्सर Runaway Climate Change के रूप में जाना जाता है। हालांकि, यह Runaway Greenhouse Effect  के समान नहीं है।

Runaway Greenhouse Effect

यह तब होता है जब ग्रह के वातावरण में ग्रीनहाउस गैसें ग्रह को ठंडा होने से रोकती हैं। यह एक चरम ग्रीन हाउस प्रभाव है। यह अपरिवर्तनीय जलवायु स्थिति बनाता है। रनवे ग्रीनहाउस प्रभाव इतना चरम है कि महासागर गर्म जाते हैं और ग्रह को निर्जन बना देते हैं। यह एक अपरिवर्तनीय जलवायु स्थिति है। यह घटना शुक्र ग्रह में हुई थी।

कृषि निर्यात सुविधा केंद्र

‘राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक’ (नाबार्ड) के सहयोग से ‘महराट्टा चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज़ एंड एग्रीकल्चर (MCCIA) द्वारा भारत के पहले ‘कृषि निर्यात सुविधा केंद्र’ को लॉन्च गया है। यह सुविधा केंद्र कृषि क्षेत्र में निर्यातकों के लिये वन-स्टॉप-शॉप के रूप में काम करेगा। यह केंद्र संभावित निर्यातकों को कीटनाशक अवशेष प्रबंधन, संभावित आयात करने वाले देशों को वरीयता, उनके उत्पाद की पसंद, गुणवत्ता मानकों, निर्यात उन्मुख उत्पादन हेतु बाग प्रबंधन, कटाई के समय और तरीके, उत्पादन तकनीक, ग्रीनहाउस उत्पादन, पैकेजिंग तथा हवाई अड्डे एवं बंदरगाह पर पालन की जाने वाली प्रक्रिया आदि के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करेगा। साथ ही यह केंद्र कृषि निर्यात से संबंधित पहलुओं पर जागरूकता कार्यक्रम, प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाओं का भी आयोजन करेगा। यह केंद्र एक ‘नॉलेज बैंक’ भी विकसित करेगा, जहाँ निर्यात के विभिन्न पहलुओं और गतिविधियों से संबंधित  ज्ञान, सूचना एवं डेटा आदि को एकत्र किया जाएगा। यह संभावित निर्यातकों को ‘कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण’ (एपीडा) की योजनाओं के बारे जागरूक करेगा तथा एपीडा की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही यह कृषि निर्यात प्रोत्साहन संबंधी केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में भी जागरूकता बढ़ाएगा।

राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स

  • भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चमन लाल गुप्ता का 87 में जम्मू में निधन
  • प्रसिद्ध तमिल लेखक की राजनारायणन का पुडुचेरी में 98 वर्ष की आयु में निधन, 1991 में साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता था
  • के.के. अग्रवाल, IMA (Indian Medical Association) के पूर्व अध्यक्ष और पद्म श्री पुरस्कार विजेता, का COVID-19 के कारण निधन
  • मध्य प्रदेश: COVID-19 से मरने वाले सरकारी कर्मचारियों के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की गयी
  • दिल्ली सरकार ने उन बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की घोषणा की जिन्होंने कोविड -19 के लिए माता-पिता को खो दिया है
  • नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट ने अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (18 मई) के अवसर पर ऑडियो-विज़ुअल गाइड एप्प लॉन्च किया
  • चक्रवात तौकेते: नौसेना, तटरक्षक बल ने मुंबई के पास अरब सागर में बह गए दो जहाजों से 314 लोगों को बचाया

आर्थिक करेंट अफेयर्स

  • भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने यस बैंक की म्यूचुअल फंड सहायक कंपनियों को जीपीएल फाइनेंस एंड इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड को बेचने की मंजूरी दी

अंतर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स

  • 18 मई को मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस, थीम: ‘The Future of Museums: Recover and Reimagine’
  • मेक्सिको की एंड्रिया मेजा ने मिस यूनिवर्स का ख़िताब जीता
MY NAME IS ADITYA KUMAR MISHRA I AM A UPSC ASPIRANT AND THOUGHT WRITER FOR MOTIVATION

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