HOW TO WRITE ESSAY FOR UPSC IN HINDI

BY- SUPRIYA MISHRA

निबंध लगभग सभी परीक्षाओं के चयन में मुख्य भूमिका निभाती है। अगर सिविल सेवा परीक्षा की बात करे तो सामान्य अध्ययन के चारो प्रश्न पत्रों की अपेक्षाकृत निबंध के प्रश्नपत्र में कम मेहनत करके अधिक अंक लाए जा सकते हैं। आप 250 अंको के प्रश्नपत्र मे 160–170 अंक तक प्राप्त कर सकते हैं और लगभग सफल अभ्यर्थियों ने प्राप्त भी किए है।

हम एक तस्वीर के माध्यम से दिखाते हैं आपको सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य पेपर में निबंध की कितने प्रतिशत भागीदारी होती है।

इस तस्वीर मे सम्पूर्ण परीक्षा के 2025 अंको का विभाजन दिखाया गया है।

आप के मन में एक बड़ा सवाल यह उठ रहा होगा कि आखिर निबंध की तैयारी कैसे की जाए? इसके लिए कौनसी किताब पढ़ी जाए?

तो यहाँ मे आपको स्पष्ट कर दूं कि कोई एक ऐसी किताब नहीं है जिसे पढ़कर आप रातो रात निबंध लिखना सीख जाएंगे।

अब, आप सोच रहे होंगे कि फिर ऐसा क्या है जो निबंध के प्रश्न पत्र मे आपको सहज और सफल बनाएगा?

दरअसल, संघ लोक सेवा आयोग के निबंधों की मूल प्रवृति ही रचनात्मक रही है। यहाँ आपसे इस बात की बहुत उम्मीद नहीं की जाती कि आप दिए गए विषय मे तथ्यों का विशाल पहाड़ खड़ा कर दे, बल्कि अधिक उम्मीद इस बात क की जाती है कि आप अपने रचनात्मक और कल्पनात्मक कौशल का परिचय देते हुए दिए गए विषय की अवधारणा को स्पष्ट करे। निबंध को नीरस व उबाऊ बनाने के बजाय सरस व रोचक बनाए

चलिये अब समझते हैं आखिर पढ़े क्या?

निबंध आपके संपूर्ण व्यक्तित्व का परीक्षण है। इससे आपकी संवेदना और आपकी सोच का पता चलता है। आपके निबंध लेखन में सहायक होगी कि आप नियमित रूप से अख़बारो के सम्पदाकीय है जो उसे अच्छे से पढ़े, उससे आपकी विषय के प्रति समझ बनती है। इसके अलावा, कुछ प्रसिध्द निबन्धकारो के निबंध पढ़े और यह समझने की कोशिश करे कि दिए गए विषय को किस तरह से लेखक ने कितने आयामों मे बांटा है और उनके क्या मनोभाव रहे हैं?

और हाँ कुछ प्रसिध्द महापुरुषों के कथन, शायरी, कविता भी याद कर ले, इनका एक संग्रह भी बना सकते हैं खासकर, गरीबी, न्याय, महिला,विज्ञान, धर्म, भ्रष्टाचार से जुड़े विषयों पर। जोकि आपके निबंध को रोचक बनाने में बहुत मदद करती है।

याद रहे कि निबंध लिखते समय आपको अपनी विचारधारा पर ध्यान रखना चाहिए।

आपकी विचारधारा जो भी हो बस आम जन के विरोध वाली नहीं होनी चाहिए, किसी लिंग, जाति व धर्म के प्रति अनुचित नहीं होना चाहिए, और अगर ऐसा है तो निश्चित रूप से इसका असर परीक्षक पर पड़ता है।

स्टेफेन कोवी ने एक बात कहा था – प्राथमिकताओं को समझना ही वास्तविक नेतृत्व है और उसका अनुकरण करना अर्थात् अनुशासन ही वास्तविक प्रबन्धन है।

उम्मीद है मेरा जवाब आपको निबंध लिखने सहायक साबित हो। धन्‍यवाद 🙏

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