• HOME
  • DAILY CA
  • UPSC4U NOTES
    • HISTORY
    • POLITY
    • ECONOMICS
    • GEOGRAPHY
    • ESSAY
  • EXAM TIPS
  • PDF4U
    • UPSC BOOKS
    • UPSC MAGAZINE
    • UPSC NCERT
      • NCERT HISTORY
      • NCERT GEOGRAPHY
      • NCERT ECONOMICS
      • NCERT POLITY
      • NCERT SCIENCE
  • OPTIONAL
    • HINDI OPTIONAL
      • HINDI BOOKS
      • HINDI NOTES
    • HISTORY OPTIONAL
    • SOCIOLOGY OPTIONAL
  • MOTIVATION
  • ABOUT US
    • PRIVACY POLICY & TERMS OF SERVICE
  • CONTACT
  • Advertise with Us
UPSC4U
  • HOME
  • DAILY CA
  • UPSC4U NOTES
    • HISTORY
    • POLITY
    • ECONOMICS
    • GEOGRAPHY
    • ESSAY
  • EXAM TIPS
  • PDF4U
    • UPSC BOOKS
    • UPSC MAGAZINE
    • UPSC NCERT
      • NCERT HISTORY
      • NCERT GEOGRAPHY
      • NCERT ECONOMICS
      • NCERT POLITY
      • NCERT SCIENCE
  • OPTIONAL
    • HINDI OPTIONAL
      • HINDI BOOKS
      • HINDI NOTES
    • HISTORY OPTIONAL
    • SOCIOLOGY OPTIONAL
  • MOTIVATION
  • ABOUT US
    • PRIVACY POLICY & TERMS OF SERVICE
  • CONTACT
  • Advertise with Us

EXAM TIPS

Home » JOURNEY-IAS OFFICER TO RETIREMENT

JOURNEY-IAS OFFICER TO RETIREMENT

  • Posted by ADITYA KUMAR MISHRA
  • Categories EXAM TIPS, UPSC
  • Comments 0 comment

चयन प्रक्रिया :

  • हर साल संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली ‘सिविल सेवा परीक्षा’ के माध्यम से अखिल भारतीय सेवाओं और विभिन्न केंद्रीय सिविल सेवाओं के लिये योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। 
  • सिविल सेवा परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों को उनके प्राप्तांकों और मुख्य परीक्षा के फॉर्म में उनके द्वारा निर्धारित सेवाओं के वरीयता क्रम के आधार पर ही किसी सेवा के लिये चयनित किया जाता है।
  • आईएएस की सामाजिक प्रतिष्ठा को देखते हुए ही देश के लाखों युवाओं के बीच इसके प्रति ज़बरदस्त आकर्षण है। हर साल देश भर से लाखों युवा सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं लेकिन उनमें से कुछ-सौ या हज़ार युवा ही इसमें सफल होते हैं। 
  • हर साल इस परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों में से लगभग 100 को ही ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा’ में जाने का अवसर मिलता है। ज़ाहिर है कि एक तरफ जहाँ इसके प्रति अत्यधिक क्रेज़ है, तो वहीं इसमें सफलता पाने के लिये कठिन मेहनत भी करनी पड़ती है। 
  • आईएएस बनने के लिये सिर्फ सिविल सेवा परीक्षा पास करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि इसके लिये ऊँची रैंक प्राप्त करना भी आवश्यक है। दरअसल, इस सेवा में कार्य करने और आगे बढ़ने के इतने अवसर होते हैं कि हर कोई इसके प्रति आकर्षित होता है। डॉक्टर, इंजीनियर तथा आई.आई.एम. से पढ़े हुए उम्मीदवार भी आईएएस बनने का सपना संजोए इस परीक्षा में अपनी किस्मत आज़माते हैं और सफल भी होते हैं|

शैक्षिक योग्यता:

  • सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने के लिये उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ संस्थान से स्नातक (Graduation) होना अनिवार्य है|

प्रशिक्षण :

GOOGLE
  • भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों का प्रशिक्षण ब्रिटिशकाल से लेकर अब तक आवश्यकतानुसार परिवर्तित होता रहा है। वर्तमान में इस सेवा के अधिकारियों का प्रशिक्षण निम्नलिखित चरणों में पूरा होता है-
    1. आधारभूत प्रशिक्षण – 16 सप्ताह (मसूरी, उत्तराखंड ) 
    2. व्यावसायिक प्रशिक्षण (चरण-I) – 26 सप्ताह (मसूरी)
    3. राज्य स्तर पर प्रशिक्षण (ज़िला प्रशिक्षण) – 52 सप्ताह  
        संस्थागत प्रशिक्षण (चरण- I) – 3 सप्ताह
        विभिन्न कार्यालयों में व्यावहारिक प्रशिक्षण (ज़िला प्रशिक्षण) – 45 सप्ताह
        संस्थागत प्रशिक्षण (चरण- II) – 4 सप्ताह
    4. व्यावसायिक प्रशिक्षण (चरण- II) – 9 सप्ताह

आधारभूत प्रशिक्षण :

GOOGLE
  • सिविल सेवा परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों जिनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय विदेश सेवा तथा केन्द्रीय सेवा वर्ग ‘अ’ के भावी अधिकारी सम्मिलित हैं, को एक-साथ ‘लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी (उत्तराखंड)’ में 16 सप्ताह का आधारभूत प्रशिक्षण दिया जाता है। 
  • यहाँ इन सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारी एक साथ प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इससे इन प्रशिक्षु अधिकारियों में आपसी सामंजस्य तथा एकता का भाव पैदा होता है। 
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम कई चरणों में संपादित होता है जो कठिन प्रकृति का होने के साथ-साथ रुचिकर भी होता है। 
  • आधारभूत प्रशिक्षण (Foundational Course) में प्रशिक्षु अधिकारियों को भारत का सामाजिक एवं सांस्कृतिक इतिहास, भारत का संविधान एवं प्रशासन, राजनीतिक सिद्धांत, लोक प्रशासन, विधि, आधारभूत अर्थशास्त्र एवं जनसंख्या अध्ययन और हिन्दी भाषा का अध्ययन करवाया जाता है। यह प्रशिक्षण मूलतः ज्ञान आधारित होता है। 
  • इस प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य प्रशिक्षु अधिकारियों में अपेक्षित कौशल, ज्ञान तथा अभिवृत्ति का विकास करना तथा भारतीय परिवेश एवं मूल्यों को जानने के लिये अन्य सेवाओं के साथ समन्वय का भाव सिखाना होता है ताकि ये आने वाली बड़ी ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिये प्रशिक्षित हो सकें। 
  • आधारभूत प्रशिक्षण के पश्चात् आईएएस संवर्ग के प्रशिक्षु अधिकारी अकादमी में ही रहते हैं, जबकि अन्य सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारी अपने-अपने प्रशिक्षण संस्थानों में चले जाते हैं।

व्यावसायिक प्रशिक्षण (चरण -I) : 

  • आधारभूत प्रशिक्षण के बाद 26 सप्ताह का आईएएस व्यावसायिक प्रशिक्षण (चरण -I) शुरू होता है।
  • प्रशिक्षण का यह भाग कौशल उन्मुख होता है। इसमें इन्हें आवश्यक अकादमिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक व ज़मीनी सच्चाई से भी रूबरू कराया जाता है। 
  • इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों को विभिन्न दलों में बाँटकर दो सप्ताह के लिये भारत भ्रमण कराया जाता है ताकि ये देश की सांस्कृतिक विविधता से परिचित हो सकें और देश के प्रति इनकी समझ अधिक परिपक्व हो सके। 
  • इस दौरान इन्हें देश की संसदीय व्यवस्था का व्यावहारिक अनुभव भी कराया जाता है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री जैसे गणमान्य व्यक्तियों से मिलने का अवसर भी इसी चरण का हिस्सा है।

राज्य स्तर पर प्रशिक्षण (ज़िला प्रशिक्षण) :

  • मसूरी में आधारभूत तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण (चरण-I) पूरा करने के पश्चात् इन प्रशिक्षु अधिकारियों को इन्हें आवंटित राज्य में भेज दिया जाता है।    
  • इसके पश्चात् 52 सप्ताह यानी एक वर्ष का ‘ज़िला स्तरीय प्रशिक्षण’ शुरू होता है, जिसमें प्रशिक्षुओं को आवंटित राज्य के किसी एक ज़िले में जाकर कार्य करना होता है।
  • इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को राज्य प्रशासनिक अकादमी में 3 सप्ताह का संस्थागत प्रशिक्षण (चरण- I) दिया जाता है। 
  • यहाँ प्रशिक्षुओं को राज्य के प्रशासनिक तंत्र की महत्त्वपूर्ण बातें समझाई जाती हैं। इस संस्थागत प्रशिक्षण के पश्चात् प्रशिक्षु अधिकारियों, जिन्हें ‘प्रोबेशनर’ (Probationer) कहा जाता है, को वास्तविक प्रशासनिक अनुभव हासिल कराने के लिये विभिन्न कार्यालयों में संलग्न किया जाता है। इसे ज़िला प्रशिक्षण कहते हैं। 
  • इस दौरान इन्हें सामान्य कानून एवं नियम, कार्मिक प्रशासन, वित्तीय प्रशासन, राजस्व प्रशासन, भू-सुधार, नियोजन एवं विकास का सैद्धान्तिक तथा व्यावहारिक अनुभव कराया जाता है। 
  • प्रशिक्षण प्राप्त करते समय प्रशिक्षु अधिकारियों को व्यावहारिक स्तर पर आने वाली समस्याओं तथा शंकाओं का समाधान ज़िलाधीशों के मार्गदर्शन में होता है। 
  • इस चरण का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रशिक्षु अधिकारी प्रशासनिक ढाँचे को समझें तथा वहाँ के लोगों, उनके प्रतिनिधियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद कर विकास के अवसरों और नीतियों के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों को समझ सकें।
  • राज्य स्तर पर प्रशिक्षण के अन्तिम चरण में पुनः राज्य प्रशासन अकादमी में 4 सप्ताह का संस्थागत प्रशिक्षण (चरण-II) दिया जाता है।
  • इस दौरान सभी प्रशिक्षु अपने राज्य प्रशिक्षण की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करते हैं।

व्यावसायिक प्रशिक्षण (चरण- II) : 

  • राज्य में प्रशिक्षण समाप्त करके सभी आईएएस प्रशिक्षणार्थी पुनः मसूरी लौट आते हैं। फिर यहाँ आईएएस व्यावसायिक प्रशिक्षण चरण-II शुरू होता है जो 6 सप्ताह का होता है। 
  • इस चरण में प्रशिक्षु क्षेत्र अध्ययन (Field work) के दौरान अर्जित व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर प्रशासन की अच्छाइयों और बुराइयों से सभी को अवगत कराते हैं।  
  • इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य आईएएस अधिकारी के रूप में प्रशिक्षणार्थियों को शारीरिक-मानसिक रूप से तैयार करना, उनमें विश्लेषण, लेखन तथा संचार क्षमता विकसित करना, प्राप्त ज्ञान को अद्यतन करना, कम्प्यूटर शिक्षा देना, राजभाषा में योग्य बनाना तथा आत्मविश्वास से युक्त श्रेष्ठ अधिकारी बनाना है। 
  • अंत में, प्रशिक्षु अधिकारियों की एक लिखित परीक्षा भी होती है जो अकादमी द्वारा आयोजित की जाती है। इसका संचालन यूपीएससी करता है।  
  • इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने तथा एक वर्ष या 18 माह (प्रत्येक राज्य का वास्तविक काल भिन्न होता है) की सेवा पूर्ण कर लेने के पश्चात् ही सेवा में उनकी स्थायी नियुक्ति की जाती है।
  • इस प्रकार, औपचारिक आरंभिक प्रशिक्षण समाप्त हो जाता है तथा प्रत्येक अधिकारी को उसके निर्धारित कैडर में भेज दिया जाता है। हालाँकि, यह आरंभिक प्रशिक्षण ही होता है, इसके बाद ‘मिड कॅरियर ट्रेनिंग प्रोग्राम’ के तहत सेवाकाल के बीच में भी कई बार प्रशिक्षण दिया जाता है। 

नियुक्ति : 

  • नियुक्ति के पहले वर्ष में प्रशिक्षण का एक नियमित कार्यक्रम होता है। इसके पश्चात् उन्हें एक अनुभाग (Sub-division) सौंप दिया जाता है। उनके अनुभव एवं ज्ञान को समृद्ध करने के लिये प्रति दो वर्ष कार्य कर लेने के पश्चात् उनका स्थानांतरण एक ज़िले से दूसरे ज़िले में किया जाता है।
  • इसके अलावा, अवर सचिव (Under Secretary) के रूप में उन्हें लगभग 18 माह के लिये सचिवालय भेजा जाता है। इसके पश्चात् ही उन्हें ज़िलाधीश (District Magistrate) बनाया जाता है।   
  • शुरुआती स्तर पर एक आईएएस अधिकारी को सब डिविज़नल ऑफिसर (SDO), सब डिविज़नल मजिस्ट्रेट (SDM), चीफ़ डेवलेपमेंट ऑफिसर (CDO) जैसे पदों पर नियुक्त किया जाता है। फिर इन्हें डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अथवा ज़िलाधिकारी (DM), डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, डिप्टी कमिश्नर (DC) या डिविज़नल कमिश्नर के पद पर नियुक्त किया जाता है।
  • ये सभी वैसे पद हैं जो फील्ड पोस्टिंग के समय आईएएस अधिकारी ग्रहण करते हैं। इसके अतिरिक्त, इनकी नियुक्ति किसी स्वायत्त संगठन, पीएसयू, वर्ल्ड बैंक, एशियाई डेवलपमेंट बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भी की जा सकती है। 
  • ये केन्द्रीय मंत्री के निजी सचिव के रूप में भी कार्य करते हैं। 

पदोन्नति: 

  • लोक सेवा में पदोन्नति वरिष्ठता और/या योग्यता के आधार पर होती है।
  • समय के साथ प्रदर्शन के आधार पर इनकी प्रोन्नति होती है।
  • प्रोन्नति के बाद ये केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अंतर्गत कई पदों पर कार्य करते हैं। ये क्रमशः निम्नलिखित पदों का दायित्व संभालते हैं-
    अवर सचिव
    • भारत सरकार के अधीन उप-सचिव 
    • भारत सरकार के अधीन निदेशक
    • भारत सरकार के अधीन संयुक्त सचिव / राज्य सरकार के अधीन सचिव 
    • भारत सरकार में अतिरिक्त सचिव / राज्य सरकार में मुख्य सचिव 
    • भारत सरकार में सचिव / प्रधान सचिव 
    • कैबिनेट सेक्रेटरी 
  • कैबिनेट सेक्रेटरी बनना हर आईएएस अधिकारी का सपना होता है, लेकिन यह सौभाग्य बहुत ही कम अधिकारियों को अपने सेवा काल के अंतिम वर्षों में मिल पाता है। 
  • आईएएस अधिकारी के रूप में इनकी सर्वश्रेष्ठ पदस्थापना प्रधानमंत्री तथा विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के प्रधान सचिव के रूप में होती है|

सेवाकालीन प्रशिक्षण :

  • अकादमिक प्रशिक्षण के पश्चात् इन अधिकारियों को जो प्रशिक्षण दिया जाता है, उसे ये कार्य करते हुए प्राप्त करते हैं। 
  • आईएएस अधिकारियों को सेवा में रहते हुए 6-9 वर्ष, 10-16 वर्ष तथा 17-20 वर्ष की अवधि पर  सेवाकालीन प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण प्रायः अल्पावधिक होता है  
  • इसी प्रकार, राज्य सेवाओं से आईएएस में पदोन्नत होने वाले अधिकारी भी मसूरी में 5 सप्ताह का आगमन प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। 
  • भारतीय लोक प्रशासन संस्थान भी 38 सप्ताह का एम.फिल. स्तरीय ‘एडवांस्ड प्रोफेशन प्रोग्राम इन  पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन’ (APPPA) प्रदान करता है। 

कार्य :

SHUTTERSTOCK
  • आईएएस अधिकारी विभिन्न देशों और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं| ये सरकार के प्रतिनिधि के रूप में विभिन्न संधियों एवं समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिये अधिकृत (Authorized) होते हैं|
  • जब ये ज़िला स्तर पर कार्य करते हैं तो इन्हें ज़िलाधिकारी, कलेक्टर आदि नामों से जाना जाता है| 
  • ये ज़िला स्तर के सभी कार्यों के लिये सीधे तौर पर उत्तरदायी होते हैं, चाहे वह विकास कार्य हो या कानून व्यवस्था या फिर आपदा प्रबंधन|
  • इन पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने का उत्तरदायित्व तो होता ही है, साथ ही सामान्य और राजस्व प्रशासन में भी इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। 
  • एक आईएएस अधिकारी पर नीतियों के सफल क्रियान्वयन का दारोमदार तो होता ही है, साथ ही नीति निर्माण में भी इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। 
  • समय के साथ इन्हें अलग-अलग विभागों में भी कार्य करना होता है जो अपनी प्रकृति में बिल्कुल भिन्न होते हैं।  
  • कार्य प्रकृति की यह विविधता जहाँ चुनौतियों से भरी होती है, वहीं इसमें अलग-अलग अनुभवों से गुज़रने का सुख भी मिलता है।
  • ज़िला मजिस्ट्रेट या कलेक्टर ज़िले का मुख्य कार्यकारी, प्रशासनिक और राजस्व अधिकारी होता है। वह ज़िले में कार्य कर रही विभिन्न सरकरी एजेंसियों के मध्य आवश्यक समन्वय की स्थापना करता है|
  • ज़िला मजिस्ट्रेट या कलेक्टर के कार्य एवं दायित्वों को कलेक्टर, ज़िला मजिस्ट्रेट, डिप्टी कमिश्नर, मुख्य प्रोटोकॉल अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और निर्वाचन अधिकारी के कार्यों और दायित्वों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है|
  • सचिवालयों में ये उप सचिव, अवर सचिव, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव इत्यादि के दायित्व निभाते हैं|

Tag:IAS, UPSC EXAM

  • Share:
author avatar
ADITYA KUMAR MISHRA

MY NAME IS ADITYA KUMAR MISHRA
I AM A UPSC ASPIRANT AND THOUGHT WRITER FOR MOTIVATION

Previous post

UPSC4U TODAY'S CURRENT AFFAIRS
November 28, 2019

Next post

UPSC4U TODAY'S CURRENT AFFAIRS
November 28, 2019

You may also like

घर बैठकर पास करना चाहते हैं UPSC परीक्षा, अपनाएं जबरदस्त स्ट्रेटेजी (12)
TOP 10 IAS COACHING CENTRE IN MAHARASHTRA UPSC4U
22 March, 2023
घर बैठकर पास करना चाहते हैं UPSC परीक्षा, अपनाएं जबरदस्त स्ट्रेटेजी (10)
TOP 5 IAS COACHING CENTRES IN KOLKATA
4 March, 2023
घर बैठकर पास करना चाहते हैं UPSC परीक्षा, अपनाएं जबरदस्त स्ट्रेटेजी (9)
यूपीपीएससी पीसीएस आवेदन पत्र 2023 UPPSC PCS Application Form 2023
2 March, 2023

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Search

Categories

DOWNLOAD MOTOEDU

UPSC BOOKS

  • Advertise with Us

UPSC IN HINDI

  • ECONOMICS
  • GEOGRAPHY
  • HISTORY
  • POLITY

UPSC4U

  • UPSC4U SITE
  • ABOUT US
  • Contact

MADE BY ADITYA KUMAR MISHRA - COPYRIGHT UPSC4U 2023

  • UPSC4U RDM
Back to top