मौर्य शासक बिन्दुसार का इतिहास UPSC NOTE

बहुत से भारतीय जानते है की चन्द्रगुप्त मौर्य भारतीय इतिहास में मौर्य साम्राज्य के पहले शासक थे। जबकि बिन्दुसार  अगले मौर्य शासक और चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र थे। इतिहास में प्रसिद्ध शासक सम्राट अशोक बिन्दुसार के ही पुत्र थे।

मौर्य शासक बिन्दुसार का इतिहास

बिन्दुसार के विषय में इतिहास में कोई ख़ास जानकारी उपलब्ध नही है। लेकिन आज हम यहाँ आपको बिन्दुसार के जीवन के कुछ बताने जा रहे है।

बिन्दुसार भारत में दुसरे मौर्य शासक थे। वे मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चन्द्रगुप्त के बेटे थे और मौर्य साम्राज्य के सबसे महान शासक सम्राट अशोक के पिता भी थे। चन्द्रगुप्त और सम्राट अशोक के जीवन की तुलना में बिन्दुसार का जीवन इतना प्रसिद्ध न रहा था।

बिन्दुसार से संबंधित बहुत सी जानकारी भी उनकी मृत्यु के 100 से भी ज्यादा साल बाद इतिहासिक सूत्रों से पता की गयी थी। बिन्दुसार अपने पिता द्वारा स्थापित मौर्य साम्राज्य पर शासन किया।

प्राचीन और मध्यकालीन सूत्रों ने बिन्दुसार के जीवन को अपने दस्तावेजो में भी विस्तृत रूप से नही दर्शाया गया है। उनके जीवन से संबंधित बहुत सी जानकारी जैन और बुद्ध महामानवो से प्राप्त की गयी थी, जिनका ध्यान विशेष रूप से अशोका और चन्द्रगुप्त पर ही था।

जैन महामानव जैसे की हेमचन्द्र परिशिष्ट परवाना ने बिन्दुसार की मृत्यु के हजारो साल बाद उनके बारे में लिखा था।

बुद्ध जानकारों के लेखो में हमें अशोक के जीवन का अध्ययन करते समय बिन्दुसार के जीवन की झलक देखने को मिलती है। लेकिन बिन्दुसार के जीवन चरित्र को जानने के लिये वह जानकारी प्रयाप्त नही है। बिन्दुसार के ज्यादातर जीवन को बुद्ध महामानवो ने अपने लेखो में विस्तृत रूप से दर्शाया है। लेकिन बिन्दुसार के जीवन का वर्णन उनकी मृत्यु के हजारो साल बाद ही किया गया था।

बुद्धिस्ट स्त्रोतों के अनुसार बिन्दुसार के जीवन की जानकारियों में दिव्यवदाना, दिपवंसा, महावंसा, वंसत्थाप्पकसिनी, समन्थपसदिका और 16 वी शताब्दी में लिखित तारानाथ भी शामिल है।

जैन स्त्रोतों में 12 वी शताब्दी का परिशिष्ट परवाना और 19 वी शताब्दी में देवचन्द्र द्वारा लिखित राजावली-कथा शामिल है। हिन्दू पुराण में बिन्दुसार को एक मौर्य शासक बताया गया है।

बिन्दुसार का जन्म मौर्य साम्राज्य के शासक चन्द्रगुप्त मौर्य के बेटे के रूप में हुआ था। यही जानकारी हमें पुराण और महावंसा में देखने मिलती है।


मृत्यु 

इहितासिक दस्तावेज यह दर्शाते है की बिन्दुसार की मृत्यु 270 BCE में हुई थी। उपिंदर सिंह के अनुसार बिन्दुसार की मृत्यु तक़रीबन 273 BCE में हुई थी। अलेन डेनीलोउ का मानना है की उनकी मृत्यु 274 BCE में हुई थी।

शैलेन्द्र नाथ सेन का मानना है की उनकी मृत्यु 273-272 BCE में हुई थी और उनकी मृत्यु के चार साल बाद कड़ा संघर्ष करने के बाद बिन्दुसार का बेटा अशोका 269-268 BCE में शासक बना था।

इतिहास में बिन्दुसार को “पिता का पुत्र और पुत्र का पिता” कहा जाता है क्योकि वह चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र और सम्राट अशोक महान के पिता थे।

मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य के बाद मौर्य साम्राज्य के उत्तराधिकारी बिन्दुसार ही बने थे। और साथ ही बिन्दुसार ने भारतीय इतिहास के महान शासक सम्राट अशोक को भी जन्म दिया था। उन्होंने दक्षिण भाग में अपने राज्य का विस्तार किया था।

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