भारत-संयुक्त राष्ट्र संघ संबंध  FOR UPSC IN HINDI

भारत ने संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों का लगातार समर्थन किया है तथा विशेष रूप से शांति स्थापना के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के लक्ष्यों को कार्यान्वित करने में महत्वपूर्ण रूप से योगदान दिया है। संयुक्त राष्ट्र के भूतपूर्व महासचिव कोफी अन्नान के अनुसार, पिछले दशकों में भारत ने अपनी सरकार के प्रयासों तथा भारतीय विद्वानों, सैनिकों एवं अंतरराष्ट्रीय सिविल कर्मचारियों के काम के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र में प्रचुर योगदान किया है। भारत विकासशील देशों की ओर से संयुक्त राष्ट्र के एजेंडा को आकार देने में इसकी सहायता करने में सबसे प्रखर आवाजों में से एक रहा है और इसके सशस्त्र बलों का अनुभव एवं व्यावसायिकता बार-बार संयुक्त राष्ट्र की शांति स्थापना से संबंधित अभियानों में अमूल्य साबित हुआ है।

विगत् वर्षों में भारत ने संयुक्त राष्ट्र को ऐसे मंच के रूप में देखा है जो अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के गारंटर के रूप में भूमिका निभा सकता है। वर्तमान में, भारत ने विकास एवं गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, जलदस्युता, निःशस्त्रीकरण, मानवाधिकार, शांति निर्माण एवं शांति स्थापना की बहुपक्षीय वैश्विक चुनौतियों की भावना में संघर्ष करने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली को सुदृढ़ करने का प्रयास किया है।

भारत ने हमेशा से ही संयुक्त राष्ट्र संघ में अपनी आवाज मजबूती के साथ उठायी है। भारत ने गुट-निरपेक्ष आंदोलन (नाम) तथा विकासशील देशों का समूह 77 का गठन किया, जिन्होंने अधिक साम्यपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं राजनितिक व्यवस्था के लिए संयुक्त राष्ट्र के अन्दर दलील प्रस्तुत की। संयुक्त राष्ट चार्टर के अनुच्छेद 53 में इस बात का उल्लेख है कि बहुपक्षीय संगठन उच्च जीवन स्तर, पूर्ण रोजगार तथा आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति एवं विकास को बढ़ावा देंगे।

विगत् दशकों में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार के लिए आह्वान करने के अलावा भारत ने सभी प्रकार के आतंकवाद के प्रति शून्य सहायता के दृष्टिकोण की वकालत की है।

1996 में भारत ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक प्रारूप व्यापक अभिसमय (सीसीआईटी) प्रस्तुत किया जिसका उद्देश्य आतंकवाद से लड़ने के लिए एक आद्योपांत कानूनी रूपरेखा प्रदान करता है।

भारत संयुक्त राष्ट्र जनसँख्या निधि जैसी संयुक्त राष्ट्र निधियों में योगदान करने वाले प्रमुख देशों में से एक है। इस निधि की स्थापना 2005 में की गई थी। आज भारत लोकतांत्रिक मूल्यों एवं प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए इस निधि में योगदान करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत 2011-12 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का अस्थायी सदस्य था तथा इस क्षेत्र में समुद्री जल दस्युता पर एक खुली चर्चा को आगे बढ़ाया। भारत अब तक सात बार सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रह चुका है।

संयुक्त राष्ट्र सदस्यता हेतु फिलीस्तीन का आवेदन
फिलीस्तीनी, जैसाकि फिलीस्तीनी प्राधिकरण द्वारा प्रतिनिधित्व, पश्चिमी बैंक, जिसमें पूर्वी जेरूसलम, और गाजा पट्टी-1967 के छह दिन के युद्ध के बाद से इजरायल द्वारा अधिकृत-भी शामिल है, में स्वतंत्र एवं संप्रभु राष्ट्र की स्थापना की एक लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। हालांकि, दो दशकों की चलने वाली (कभी वार्ता शुरू-कभी बंद) शांति वार्ता समस्या का समाधान प्रस्तुत करने में असफल हो गई।
2

2010 के उत्तरार्द्ध में, फिलीस्तीनी अधिकारियों ने एक नवीन राजनयिक रणनीति का अनुसरण करना प्रारंभ कर दिया- देशों से बोलना शुरू कर दिया कि वे 1967 के सीमांकन पर एक स्वतंत्र फिलीस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दें। अब वे चाहने लगे कि संयुक्त राष्ट्र फिलीस्तीन को एक पूर्ण सदस्य राष्ट्र के तौर पर स्वीकार करे। वर्तमान में फिलीस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (पीएलओ) को मात्र पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है। सदस्यता के अपने राजनितिक निहितार्थ होंगे जो फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र अभिकरण में शामिल होने की अनुमति देंगे, और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय  जैसी अंतर्राष्ट्रीय संधियों का एक पक्ष बनेंगे, जहाँ वे इजरायल द्वारा अधिकृत क्षेत्रों को चुनौती देते हुए क़ानूनी कार्यवाही कर सकेंगे।

फिलीस्तीन को एक सदस्य राष्ट्र के रूप में स्वीकार करने के क्रम में उन्हें 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के अनुमोदन की आवश्यकता होगी। परिषद् की अनुशंसा के पश्चात् अंतिम अनुमोदन के लिए महासभा में 198 सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।

प्रक्रिया के प्रारंभ में, फिलीस्तीन प्राधिकरण के अध्यक्ष, महमूद अब्बास, ने 23 सितंबर, 2011 को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान-की-मून को एक निवेदन भेजा। महासचिव ने आवेदन सुरक्षा परिषद् को सौंपा। परिषद् को 15 में से 9 मतों की आवश्यकता होगी और निर्णय को पारित करने के लिए स्थायी सदस्यों में से कोई भी वीटो न करे। ब्रिटेन और फ्रांस इसका विरोध अवश्य करेंगे क्योंकि वे ऐसे राज्य की सदस्यता का समर्थन नहीं करेंगे जिसकी उन्होंने द्विपक्षीय तौर पर मान्यता नहीं दी है। यदि संयुक्त राज्य अमेरिका का वोट मिलता है तो फिलीस्तीन के पास दूसरा विकल्प आ जाएगा, यद्यपि इससे पूर्ण सदस्यता प्राप्त नहीं होगी। वे महासभा में प्रस्ताव रख सकते हैं, और प्रस्तुत करने के 48 घंटों में वोट डाले जा सकते हैं, यद्यपि इसे आम बहस के लिए सितंबर के उत्तरार्द्ध या अक्टूबर के पूर्वार्द्ध तक लम्बितं किया जा सकता है; यह बातचीत के लिए अधिक समय प्रदान करेगा जिससे इसे अधिक समर्थन मिल सके, विशेष रूप से यूरोपीय संघ से।

अनुमोदन के लिए उपस्थित लोगों के साधारण बहुमत की आवश्यकता होगी। इस स्थिति में कोई मतदान नहीं होगा।

संयोगवश, 31 अक्टूबर, 2011 को फिलीस्तीन संयुक्त राष्ट्र सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अभिकरण (यूनेस्को) का पूर्ण सदस्य बन गया।

29 नवम्बर, 2012 को यूएनजीए ने फिलीस्तीन को एक राज्य के तौर मान्यता देने के पक्ष में मतदान किया। प्रस्ताव ने फिलीस्तीन की प्रस्थिति की नॉन मैम्बर ऑब्जर्वर एन्टीटी से उन्नत कर नॉन मेम्बर ऑब्जर्वर स्टेट कर दिया। यह महासभा में मतदान नहीं कर सकता लेकिन अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय जैसे अंतर्राष्ट्रीय निकाय में शामिल हो सकता है।

Related Posts

UPSC CSE 2023: देखें IAS ADITYA की मार्कशीट, ये है अब तक का हाईएस्ट स्कोर

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने सिविल सर्विसेज (CSE) के मार्क्स 2023 जारी कर दिए हैं। जो उम्मीदवार परीक्षा में सफल हुए हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in…

पिता ने ठेले पर सब्जी बेचकर पढ़ाया, मृणालिका ने हासिल की 125वीं रैंक | UPSC MOTIVATION

जयपुर में रहने वालीं मृणालिका राठौड़ ने 16 अप्रैल को जारी हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में 125वीं रैंक हासिल की है।…

UPSC Topper Aishwarya: विशाखापट्टनम में इंजीनियर हैं अभी, दूसरे अटेंप्ट में क्लियर किया एग्जाम

UPSC Result 2023 महराजगंज जिले के बहदुरी के टोला मंझरिया की रहने वाली ऐश्वर्यम प्रजापति ने यूपीएससी की परीक्षा में 10वां रैंक लाकर क्षेत्र का नाम रोशन…

कौन हैं UPSC CSE Topper आदित्य श्रीवास्तव? 2017 से कर रहे थे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी

सिविल सेवा परीक्षा 2023 का रिजल्ट आ गया है। इस परीक्षा में कुल 1016 लोगों ने बाजी मारी है। हालांकि परिणाम आने के बाद सभी टॉपर के…

UPSC CSE Result Live Update यूपीएससी सिविल सर्विस का फाइनल रिजल्ट जारी होने वाला है

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) जल्द ही सिविल सेवा 2023 परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी करने वाला है। जो इस परीक्षा में शामिल हुए थे वो आधिकारिक…

UPSC Prepration Tips: नौकरी के साथ कैसे करें यूपीएससी की तैयारी?

भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी और आईआईटी रूड़की से स्नातक हिमांशु त्यागी ने हाल ही में इस बारे में व्यावहारिक सुझाव साझा किए कि कैसे व्यक्ति खुद को “निर्मित…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *