WHAT IS UPPSC IN HINDI

राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315(1) के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) के साथ-साथ प्रत्येक राज्य में राज्य आधारित सरकारी, अर्द्ध-सरकारी, न्यायिक एवं अन्य अधीनस्थ सेवाओं के आयोजन के लिये ‘राज्य लोक सेवा आयोग’ की स्थापना का प्रावधान किया गया है। यह आयोग इन सेवाओं से संबद्ध परीक्षाओं का आयोजन कराता है। राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित सर्वाधिक लोकप्रिय परीक्षा ‘पी.सी.एस.’ (प्रोविंशियल सिविल सर्विसेज़) परीक्षा है। 

  • यू.पी.एस.सी. की परीक्षा की तैयारी के दौरान ज़्यादातर अभ्यर्थी राज्य सिविल सेवा (पी.सी.एस.) परीक्षाओं में भी सम्मिलित होते हैं। यह प्रवृत्ति अधिकांशत: हिंदी भाषी राज्यों के अभ्यर्थियों में देखने को मिलती है।
  • ‘पी.सी.एस.’ परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थी संबंधित राज्य विशेष के प्रशासन के अंग होते हैं जिनकी नियुक्ति उस राज्य विशेष में ज़िला, प्रखंड व तहसील स्तर पर की जाती है। 
  • स्थायित्व, सम्मान एवं कार्य करने की व्यापक एवं अनुकूल दशाओं इत्यादि का बेहतर मंच उपलब्ध कराने के कारण ये परीक्षाएँ अभ्यर्थियों एवं समाज के बीच सदैव प्राथमिकता एवं गौरव की विषयवस्तु रही हैं।  

परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु अर्हताएं 

  • राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में सामान्यत: किसी भी राज्य के अभ्यर्थी, जो आयोग द्वारा निर्धारित शर्तों (आयु सीमा, शैक्षिक योग्यता इत्यादि) को पूरा करते हों, सम्मिलित हो सकते हैं। 
  • इन परीक्षाओं में सम्मिलित होने के लिये आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष (किन्हीं विशिष्ट पद हेतु 18 वर्ष) तथा अधिकतम आयु भिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा (कुछ विशेष आरक्षित प्रावधानों को छोड़कर) सामान्यत: 35-40 वर्ष निर्धारित की गई है। 
  • इन परीक्षाओं में सम्मिलित होने के लिये आवेदक को भारत में केन्द्रीय या राज्य विधानमंडल द्वारा अधिकृत किसी  विश्वविद्यालय या संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित या घोषित शिक्षण संस्थान जिसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम,1956 की धारा-3 के अंतर्गत या आयोग के परामर्श से एक विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई हो, से डिग्री धारक होना चाहिये। 
  • राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा पी.सी.एस. परीक्षा में कुछ विशेष पदों (पुलिस उपाधीक्षक, अधीक्षक कारागार इत्यादि) के लिये शारीरिक मापदंड (सामान्यत: 165-167 सेमी.की लम्बाई इत्यादि ) तथा कुछ विशेष पदों (सांख्यिकीय अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, लेखाधिकारी इत्यादि) के लिये विशेष शैक्षणिक योग्यता का निर्धारण किया गया है।    
  • सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षण कोटे का निर्धारण जहाँ केद्र सरकार द्वारा किया जाता है, वहीं ‘पी.सी.एस.’ परीक्षाओं में आरक्षण कोटे का निर्धारण विभिन्न राज्यों द्वारा अपने-अपने तरीके से किया जाता है। इसलिये यह भी संभव है कि यदि कोई ‘जाति’ किसी राज्य में ‘आरक्षित श्रेणी’ के अंतर्गत आती हो, उसे अन्य राज्य के संदर्भ में ‘सामान्य श्रेणी’ का माना जाए।

परीक्षा की तैयारी कैसे करें ?  

  • सिविल सेवा परीक्षा की तरह ही सभी पी.सी.एस. परीक्षाओं में भी तीन स्तर (प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार) होते हैं। हालाँकि, विभिन्न राज्यों की पी.सी.एस. परीक्षाओं की प्रकृति में अंतर अवश्य है, जैसे- राजस्थान, उत्तराखंड एवं छत्तीसगढ़ में प्रारंभिक परीक्षा में ऋणात्मक अंकन (Negative marking) का प्रावधान है, जबकि अन्य राज्यों (जिनका उल्लेख इस वेबसाइट में किया गया है ) में नहीं है। ऐसे ही, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होते हैं, जिनमें द्वितीय प्रश्नपत्र के रूप में सीसैट (सिविल सर्विसेज़ एप्टिट्यूड टेस्ट) का प्रश्नपत्र होता है। झारखण्ड में द्वितीय प्रश्नपत्र के रूप में ‘झारखण्ड का सामान्य ज्ञान’ पूछा जाता है, जबकि बिहार और राजस्थान में प्रारंभिक परीक्षा में एक ही प्रश्नपत्र (सामान्य अध्ययन) होता है। 
  • प्रश्नों की प्रकृति एवं प्रक्रिया में सूक्ष्म अंतर होने के बावजूद सिविल सेवा परीक्षा के प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम के अध्ययन की पी.सी.एस. परीक्षाओं में सार्थक भूमिका होती है, इसलिये यू.पी.एस.सी. की परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी अगर उपयुक्त रणनीति के साथ-साथ परीक्षा की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए पी.सी.एस. परीक्षाओं की तैयारी करें तो पी.सी.एस. परीक्षाओं में उनके सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।  
  • पी.सी.एस. परीक्षा में सफल होने की एक अन्य अनिवार्य शर्त है- तथ्यों पर मज़बूत पकड़, जबकि सिविल सेवा परीक्षा में तथ्यों के साथ-साथ विश्लेषणात्मक क्षमता की भी आवश्यकता होती है। अत: अभ्यर्थियों को एक संतुलित रणनीति के साथ तैयारी करने की आवश्यकता है।  
  • देखा जाए तो कुछ राज्य लोक सेवा आयोगों ने अपने प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम को संघ लोक सेवा आयोग के अनुरूप बनाने का प्रयास किया है, किंतु इन दोनों परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति एवं आयोगों द्वारा अपेक्षित उत्तर में अंतर होने के कारण इनकी गंभीर समझ होनी अनिवार्य है।             
  • इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए ‘हमारी टीम’ ने एक सार्थक पहल की है जिसके तहत हमने एक ऐसा मंच तैयार किया है जहाँ संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) के साथ-साथ विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों की पी.सी.एस. परीक्षाओं में सफलता सुनिश्चित करने के लिये कुशल मार्गदर्शन उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। इसकी सहायता से आप यू.पी.एस.सी. की परीक्षा के साथ-साथ विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित पी.सी.एस. परीक्षाओं की प्रकृति, प्रक्रिया एवं उनमें सफल होने की रणनीति को समझ सकेंगे। 

परीक्षा हेतु उपयुक्त रणनीति 

  • किसी भी परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिये उसकी प्रकृति एवं प्रक्रिया के अनुरूप उचित एवं गतिशील रणनीति बनाने की आवश्यकता होती है, जबकि पी.सी.एस. परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अधिकांश अभ्यर्थी इन परीक्षाओं की रणनीति को या तो समझ नहीं पाते हैं या फिर इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। फलस्वरूप परीक्षा में अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। 
  • पी.सी.एस. परीक्षाओं के नवीनतम पैटर्न को ध्यान में रखते हुए इस वेबसाइट पर विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित की जाने वाली ‘पी.सी.एस.’ परीक्षाओं में सफलता सुनिश्चित करने के लिये एक कुशल रणनीति बनाने का गंभीर प्रयास किया गया है।
  • अभ्यर्थियों की सुविधा के लिये इस वेबसाइट पर विभिन्न ‘पी.सी.एस.’ परीक्षाओं का संक्षिप्त परिचय, प्रकृति एवं प्रक्रिया, रणनीति, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs), विज्ञप्ति का  संक्षिप्त विवरण, पाठ्यक्रम (प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा), विगत वर्षो में इन परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्नों (प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा) का संकलन, टॉपर्स इंटरव्यू आदि प्रस्तुत किया गया है।
  • अभ्यर्थियों की सुविधा के लिये इस वेबसाइट पर, सामान्य अध्ययन के लिये आवश्यक अध्ययन सामग्री के रूप में कक्षा-6 से कक्षा-12 तक की एन.सी.ई.आर.टी. की सभी विषयों की पुस्तकों से अध्यायवार वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का संकलन (व्याख्या सहित उत्तर के साथ) उपलब्ध कराया गया है। 
  • साथ ही, समसामयिक घटनाक्रम से संबंधित प्रश्नों को हल करने के लिये इस वेबसाइट पर दैनिक समाचार विश्लेषण, दैनिक लेख विश्लेषण एवं उनसे संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का संकलन (व्याख्या सहित उत्तर के साथ) प्रतिदिन उपलब्ध कराया जाता है।
  • राज्य विशेष से सम्बंधित प्रश्नों को हल करने के लिये उस राज्य से संबंधित प्रमुख परीक्षोपयोगी विषयों पर अवधारणात्मक व तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराई गई  है। 
  • इन परीक्षाओं में सफलता सुनिश्चित करने तथा अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिये भी वेबसाइट पर हर संभव प्रयास किया गया है जिनका विस्तृत विवरण विभिन्न टैबों के रूप में वर्गीकृत है।
  • मुख्य परीक्षा में पहले दो पेपर सामान्य अध्ययन के होते थे. अब चार पेपर सामान्य अध्ययन के होंगे > GS Paper 1, GS Paper 2, GS Paper 3, GS Paper 4. प्रत्येक पेपर के मार्क्स 200 होंगे यानी दूसरे शब्दों में कहा जाए तो सामान्य पेपर के टोटल मार्क्स 200+200+200+200 = 800 MARKS होंगे.
  • हिंदी और निम्बंध के पेपर में कोई बदलाव नहीं आया है.  उनके अंक यथावत् 150-150 ही रहेंगे.
  • 2018 के पहले मेंस परीक्षा में  दो वैकल्पिक विषय होते थे, लेकिन पीसीएस 2018 परीक्षा में मेंस में सिर्फ एक वैकल्पिक विषय कर दिया गया जो 2019 में भी लागू रहेगा. 2018 के पहले दो वैकल्पिक पेपर के मार्क्स 400+400 थे …2019 में एक वैकल्पिक विषय का ही चयन करना है तो वैकल्पिक विषय का टोटल मार्क्स हुआ = 400 ONLY.
  • इसके अलावा आयोग ने पीसीएस के इंटरव्यू के टोटल मार्क्स में भी बदलाव किया है. पहले इंटरव्यू का total marks 200 अंक था अब परीक्षा में इंटरव्यू का कुल मार्क्स 100 ही होगा.
  • इस प्रकार चयन प्रक्रिया का टोटल मार्क्स देखा जाए तो कुल मिला कर होगा = 1600 Marks (800 GS + 300 HinEng + 400 OS + 100 INT)
  • सिलेबस के नए बदलाव में सहायक वन संरक्षक Assistant Conservator of Forests (ACF) का पद पहली बार UPPSC में शामिल किया गया है. वैसे ज्ञातव्य है कि इस पोस्ट के लिए और UPPSC के बाकी पदों के लिए जो प्रारम्भिक परीक्षा होगी वह एक ही होगी. बाद में जाकर मुख्य परीक्षा को अलग-अलग आयोजित किया जाएगा. इसी तरह UPPSC-2018 में एक नए subject चिकित्सा विज्ञान (medical science) को मुख्य परीक्षा में डाला गया है.

PAPER 1 – कुल मार्क्स=200,  कुल समय =2 घंटे, कुल सवाल=150

राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ

राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाओं पर अभ्यर्थियों को जानकारी रखनी होगी.

भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन

इतिहास के अंतर्गत भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की व्यापक जानकारी पर विशेष ध्यान देना होगा. भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आन्दोलन की प्रकृति तथा विशेषता, राष्ट्रवाद का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बारे में सामान्य जानकारी अपेक्षित है.

भारत एवं विश्व का भूगोल

विश्व भूगोल में विषय की केवल सामान्य जानकारी की परख की जाएगी. भारत का भूगोल के अंतर्गत देश के भौतिक, सामाजिक और आर्थिक भूगोल से सम्बंधित प्रश्न होंगे.

भारतीय राजनीति एवं शासन

भारतीय राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति के अंतर्गत देश के पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान तथा भारत की आर्थिक नीति के व्यापक लक्षणों एवं भारतीय संस्कृति की जानकारी पर प्रश्न होंगे.

आर्थिक एवं सामाजिक विकास

सतत विकास, गरीबी, अंतर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र में हुए पहल आदि पर प्रश्न रहेंगे. अभ्यर्थियों की जानकारी का परीक्षण जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण की समस्याओं तथा उनके संबंधों के परिप्रेक्ष्य में किया जायेगा.

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी

इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है. अभ्यर्थियों से पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तन की सामान्य जानकारी अपेक्षित है.

सामान्य विज्ञान

सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बंधित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है.

नोट: अभ्यर्थियों से यह अपेक्षित होगा कि उत्तर प्रदेश परिप्रेक्ष्य में उपर्युक्त विषयों का उन्हें सामान्य परिचय हो.

UP PSC GENERAL STUDIES SYLLABUS, PAPER- I- 2 HOURS

  1. भारतीय संस्कृति के इतिहास में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के प्रारूप, साहित्य एवं वास्तुकला के महत्त्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे.
  2. आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 ई – 1947 ई तक) – महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व एवं समस्याएँ इत्यादि.
  3. स्वतंत्रता संग्राम – इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान.
  4. स्वतंत्रता के बाद देश के भीतर एकीकरण और पुनर्गठन (1965 ई. तक).
  5. विश्व के इतिहास में 18वीं सदी से 20वीं सदी के मध्य तक की घटनाएँ जैसे फ़्रांसिसी क्रांति 1789, औद्योगिक क्रान्ति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद, नाजीवाद, फ़ासीवाद इत्यादि के रूप और समाज पर उनके प्रभाव इत्यादि शामिल होंगे.
  6. भारतीय समाज और संस्कृति की मुख्य विशेषताएँ.
  7. महिलाओं एवं महिला-संगठनों की समाज में भूमिका, जनसंख्या तथा सम्बद्ध समस्याएँ, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय.
  8. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अभिप्राय और उनका भारतीय समाज की अर्थव्यवस्था, राज्यव्यवस्था और समाज संरचना पर प्रभाव.
  9. सामाजिकसशक्तिकरण, साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता.
  10. विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण – जल, मिट्टियाँ एवं वन, दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में (भारत के विशेष संदर्भ में).
  11. भौतिक भूगोल की प्रमुख विशिष्टताएँ – भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी क्रियाएँ, चक्रवात, समुद्री जल धाराएँ, पवन एवं हिम सरिताएँ.
  12. भारत के सामुद्रिक संसाधन एवं उनकी संभाव्यता.
  13. मानव प्रयास – विश्व की शरणार्थी समस्या (भारत-उपमहाद्वीप के सन्दर्भ में).
  14. सीमान्त एवं सीमाएँ – भारत उपमहाद्वीप के सन्दर्भ में.
  15. जनसंख्या एवं अधिवास – प्रकार एवं प्रतिरूप, नगरीकरण, स्मार्ट नगर एवं स्मार्ट ग्राम.
  16. उत्तर प्रदेश का विशेष ज्ञान – इतिहास, संस्कृति, कला, साहित्य, वास्तुकला, त्यौहार, लोक-नृत्य साहित्य, प्रादेशिक भाषाएँ, धरोहरें, सामाजिक रीति-रिवाज एवं पर्यटन.
  17. उत्तर प्रदेश का विशेष ज्ञान – भूगोल, मानव एवं प्राकृतिक संसाधन, जलवायु, मिट्टियाँ, वन-वन्य जीव, खदान और खनिज, सिंचाई के स्रोत.

UP PSC GENERAL STUDIES SYLLABUS, PAPER – II- 2 HOURS

  1. भारतीय संविधान – ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान तथा आधारभूत संरचना. संविधान के आधारभूत प्रावधानों के विकास में उच्चतम न्यायालय की भूमिका.
  2. संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से सम्बंधित विश्व एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ.
  3. केंद्र – राज्य वित्तीय संबंधों में वित्त आयोग की भूमिका.
  4. शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थाएँ. वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों का उदय एवं उनका प्रयोग.
  5. भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य प्रमुख लोकतान्त्रिक देशों से तुलना.
  6. संसद एवं राज्य विधायिका – संरचना, संगठन और कार्य-सञ्चालन, शक्तियों एवं विशेषाधिकार तथा सम्बंधित विषय.
  7. कार्यपालिका और न्यापालिका की संरचना, संगठन एवं कार्य  – सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में भूमिका. जनहित वाद (PIL).
  8. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ.
  9. विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियों, कार्य तथा उनके उत्तरदायित्व.
  10. सांविधिक, विनिमयामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, नीति आयोग समेत – उनकी विशेषताएँ एवं कार्यभाग.
  11. सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप, उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकी (ICT).
  12. विकास प्रक्रियाएँ – गैर सरकारी संगठनों की भूमिका, स्वयं सहायता समूह (SHG), विभिन्न समूह एवं संघ, अभिदाता, सहायतार्थ संस्थाएँ, संस्थागत एवं अन्य अंशधारक.
  13. केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति-संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन, इन अति-संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय.
  14. स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से सम्बंधित विषय.
  15. गरीबी और भूख से सम्बंधित विषय एवं राजनैतिक व्यवस्था के लिए इनका निहितार्थ.
  16. शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत व अन्य उपाय.
  17. लोकतंत्र में उभरती हुई प्रवृत्तियों के संदर्भ में सिविल सेवाओं की भूमिका.
  18. भारत एवं अपने पड़ोसी देशों से उसके सम्बन्ध.
  19. द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों k प्रभावित करने वाले करार.
  20. भारत के हितों एवं अप्रवासी भारतीयों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव.
  21. महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच – उनकी संरचना, अधिदेश तथा उनका कार्य भाग.
  22. उ.प्र. के राजनैतिक, प्रशासनिक, राजस्व एवं न्यायिक व्यवस्थाओं की विशिष्ट जानकारी.
  23. क्षेत्रीय, प्रांतीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के समसामयिक घटनाक्रम.

UP PSC GENERAL STUDIES SYLLABUS, PAPER- 3- 2 HOURS

  1. भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य एवं उपलब्धियाँ, नीति आयोग की भूमिका.
  2. गरीबी के मुद्दे, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय एवं समावेशी संवृद्धि.
  3. सरकार के बजट के अवयव तथा वित्तीय प्रणाली.
  4. प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई विधि एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पाद का भण्डारण, ढुलाई एवं विपणन, किसानों की सहायता के लिए ई-तकनीकी.
  5. अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष कृषि सहायकी तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े मुद्दे, सार्वजनिक वितरण प्रणाली – उद्देश्य, क्रियान्वयन, परिसीमाएँ, सुदृढ़ीकरण खाद्य सुरक्षा एवं बफर भण्डार, कृषि सम्बंधित तकनीकी अभियान टेक्नोलॉजी मिशन.
  6. भारत में खाद्य प्रसंस्करण व सम्बंधित उद्योग – कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान निर्धारण, उर्ध्व व अधोप्रवाह आवश्यकताएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन.
  7. भारत में स्वतंत्रता के बाद भूमि सुधार.
  8. भारत में वैश्वीकरण तथा उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिकी नीति में परिवर्तन तथा इनके औद्योगिक संवृद्धि पर प्रभाव.
  9. आधारभूत संरचना : ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन तथा रेलवे आदि.
  10. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – विकास एवं अनुप्रयोग (दैनिक जीवन एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में, भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति).
  11. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ, प्रौद्योगिकी का देशजीकरण. नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, द्विअनुप्रयोगी एवं क्रांतिक अनुप्रयोग प्रौद्योगिकियाँ.
  12. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, अन्तरिक्ष प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर, ऊर्जा स्रोतों, नैनो प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जागरूकता. बौद्धिक संपदा अधिकारों एवं डिजिटल अधिकारों से सम्बंधित मुद्दे.
  13. पर्यावरणीय सुरक्षा एवं पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरणीय प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय संघात आकलन.
  14. आपदा : गैर-पारम्परिक सुरक्षा एवं सुरक्षा की चुनौती के रूप में, आपदा उपशमन एवं प्रबंधन.
  15. अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियाँ : आणुविक प्रसार के मुद्दे, अतिवाद के कारण तथा प्रसार, संचार तन्त्र, मीडिया की भूमिका तथा सामाजिक तंत्रीयता, साइबर सुरक्षा के आधार, मनी लाउंडरिंग तथा मानव तस्करी.
  16. भारत की आन्तरिक सुरक्षा चुनौतियाँ : आतंकवाद, भ्रष्टाचार, प्रतिविद्रोह तथा संगठित अपराध.
  17. सुरक्षा बलों की भूमिका, प्रकार तथा शासनाधिकार, भारत का उच्च रक्षा संगठन.
  18. उत्तर प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य का विशिष्ट ज्ञान : उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का सामान्य विवरण, राज्य के बजट. कृषि, उद्योग, आधारभूत संरचना एवं भौतिक संसाधनों का महत्त्व. मानव संसाधन एवं कौशल विकास, सरकार के कार्यक्रम एवं कल्याणकारी योजनाएँ.
  19. कृषि, बागवानी, वानिकी एवं पशुपालन के मुद्दे.
  20. उत्तर प्रदेश के विशेष सन्दर्भ में कानून एवं व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा.

UP PSC GENERAL STUDIES SYLLABUS, PAPER- 4- 2 HOURS

नीतिशास्त्र तथा मानवीय अन्त

सम्बन्ध, मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सारतत्व, इसके निर्धारक और परिणाम : नीतिशास्त्र के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र.

मानवीय मूल्य – महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका.

अभिवृत्ति

अंतर्वस्तु (content), संरचना, कार्य, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं सम्बन्ध, नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि, सामाजिक प्रभाव और सहमति पैदा करना.

सिविल सेवा के लिए अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता तथा गैर-तरफदारी, वस्तुनिष्ठता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा करुणा.

सवेंगात्मक बुद्धि

अवधाराणाएँ तथा आयाम, प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनकी उपयोगिता और प्रयोग. भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों का योगदान.

लोक प्रशासनों में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र

स्थिति तथा समस्याएँ, सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक सरोकार तथा दुविधाएँ, नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, नियमन तथा अंतर्रात्मा, जवाबदेही तथा नैतिक शासन व्यवस्था में नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (funding) में नैतिक मुद्दे, कॉर्पोरेट शासन व्यवस्था.

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शासन व्यवस्था में ईमानदारी

लोक सेवा की अवधारणा, शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक-निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ.

उपर्युक्त विषयों पर मामला सम्बन्धी अध्ययन (Case Study).

UP PSC निबंध/ESSAY- 3 HOURS

निबंध के प्रश्नपत्र में तीन सेक्शन रहेंगे. Candidates को हर सेक्शन से एक टॉपिक को चुनना है. उन्हें हर टॉपिक पर निबंध 700 शब्दों में लिखना है. प्रत्येक खंड 50 – 50 अंकों का होगा. तीनों सेक्शन में जो टॉपिक होंगे वे निम्नलिखित क्षेत्र से सम्बंधित रहेंगे:—

Section A : (1) साहित्य और संस्कृति (2) सामाजिक क्षेत्र (3) राजनीतिक क्षेत्र

Section B: (1) विज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी (2) आर्थिक क्षेत्र (3) कृषि, उद्द्योग और व्यापार.

Section C: (1) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटना (2) प्राकृतिक आपदा–> लैंड स्लाइड, भूकंप, बाढ़ , सूखा आदि (3) राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम और परियोजनाएँ

UP PSC सामान्य हिंदी/GENERAL HINDI- 3 HOURS

1. दिए हुए गद्य खंड का अवबोध (Comprehension) और प्रश्नोत्तर

2. संक्षेपण (Precise Writing)

3. सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र

4. शब्द ज्ञान एवं प्रयोग —>> i) उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग ii) विलोम शब्द iii) वाक्यांश के लिए एकशब्द iv) वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि  v) लोकोक्ति एवं मुहावरे

वैकल्पिक विषयों की लिस्ट

UP PSC मेंस की परीक्षा में 1 पेपर आपको वैकल्पिक विषय (Optional Subjects) के रूप में लेना होगा

उन वैकल्पिक विषयों की लिस्ट (UP PSC Optional Subjects List)  है>>>

  • कृषि/Agriculture
  • जीव विज्ञान/Zoology
  • रसायन विज्ञान/Chemistry
  • भौतिकी/Physics
  • गणित/Mathematics
  • भूगोल/Geography
  • अर्थशास्त्र/Economics
  • सामाजिक विज्ञान/Sociology
  • दर्शनशास्त्र/Philosophy
  • भूगर्भशास्त्र/Geology
  • मनोविज्ञान/Psychology
  • वनस्पति विज्ञान/Botany
  • कानून/Law
  • पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान/Animal Husbandry & Veterinary Science
  • सांख्यिकी/Statistics
  • प्रबंधन/Management
  • राजनीतिक विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध/ Political Science & International Relations
  • इतिहास/History
  • सामाजिक कार्य/Social Work
  • मानवशास्त्र/Anthropology
  • सिविल इंजीनियरिंग/Civil Engineering
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग/Mechanical Engineering
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग/Electrical Engineering
  • वाणिज्य एवं लेखा/Commerce & Accountancy
  • लोक प्रशासन/Public Administration
  • कृषि इंजीनियरिंग/Agricultural Engineering
  • रक्षा अध्ययन/Defence Studies
  • चिकित्सा विज्ञान/Medical Science

साहित्यिक विषय/Literature Subjects

  1. English Lit.
  2. Urdu Lit.
  3. Arabic Lit.
  4. Hindi Lit.
  5. Persian Lit.
  6. Sanskrit Lit.

Note: वैकल्पिक विषय में दो पेपर होंगे (200+200 = 400 Marks के).

Keywords: In this post, I have detailed out the basic features related to the pattern and syllabus regarding UPPSC (Uttar Pradesh Public Service Commission) state/upper-subordinate recruitment exams. These exams are conducted in three parts, namely, Preliminary, Mains and Interview. The syllabus is provided herein the Hindi language. You can see other exams’ syllabi from the following links:–

MY NAME IS ADITYA KUMAR MISHRA I AM A UPSC ASPIRANT AND THOUGHT WRITER FOR MOTIVATION

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