पंचवर्षीय योजनाएं एवं भारतीय कृषि

  • इसमें देश में खाद्य संकट को दूर करने के उद्देश्य से कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई कुल राजस्व आवंटन का 31% कृषि क्षेत्र को प्रदान किया गया |
  • परिणामत: तथा औसत वार्षिक उत्पादन 67 लाख टन रहा जबकि लक्ष्य 62 लाख टन का था |

दूसरी पंचवर्षीय योजना

  • इसमें कुल व्यय का 20% भाग कृषि को आवंटित किया गया परिणामत: उत्पादकता में कमी आई |

तीसरी पंचवर्षीय योजना (1961-66)

  • इसमें पुन: कृषि को विशेष प्राथमिकता दी गई, इस योजना में गहन कृषि कार्यक्रम के तहत कृषि जिला कार्यक्रम एवं अधिक उपज वाली किस्म पर विशेष ध्यान दिया गया किंतु भयंकर सूखे के कारण यह योजना पूर्ण रुप से सफल नहीं रही|
  • सूखे तथा युद्ध की स्थिति को देखते हुए 1966 से 1969 तक नवीन योजना आरंभ न हो सकी अतः इसी समय हरित क्रांति का शुभारंभ किया गया |

चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74)

  • कृषि क्षेत्र में अनुसंधान तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विशेष बल देते हुए प्रारंभ की गई इसमें कुल योजना व्यय का 22 प्रतिशत कृषि क्षेत्र को आवंटित किया गया |

पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974-79)

  • इसमें कुल परिव्यय का 15% कृषि क्षेत्र को आवंटित किया गया कुल मिलाकर पहली पंचवर्षीय योजना से पांचवी पंचवर्षीय योजना तक (तीसरी योजना को छोड़कर) वास्तविक उत्पादन का लक्ष्य से अधिक ही रहा|
  • इस योजना में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 1520 लाख टन रखा गया था जबकि उत्पादन लक्ष्य से अधिक (1840 लाख टन) हुआ फलत: इस स्थिति को कुछ विद्वानों ने द्वितीय हरित क्रांति की संज्ञा दी |

छठी पंचवर्षीय योजना (1980-85)

  • इस योजना से हरित क्रांति का दूसरा चरण शुरू हुआ इसमें कृषि क्षेत्र में अधिक निवेश एवं प्रबंधन पर बल दिया गया |

सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985-90)

  • इसमें कपास को छोड़कर सभी फसलों का उत्पादन लक्ष्य से अधिक रहा |

आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992-97)

  • कृषि क्षेत्र में विकास दर 4.7 प्रतिशत रही |

नौंवी पंचवर्षीय योजना (1997-2002)

  • यह कृषि के संबंध में असफल मानी जाती है, इस दौरान कृषि क्षेत्र में विकास दर मात्र 2.5 प्रतिशत रही |

दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002-07)

  • इसमें राष्ट्रीय कृषि नीति-2000 को अपनाया गया इस नीति में मृदा स्वास्थ्य एवं जल जैसे संसाधनों के प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया इस योजना में कृषि क्षेत्र की वार्षिक विकास दर 2.4 प्रतिशत रही

11वी पंचवर्षीय योजना

कृषि उत्पादकता में वृद्धि रोजगार सृजन भूमि पर जनसंख्या दबाव कम करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में असमानता को कम करने जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किए गए इस योजना में कृषि में 4% वृद्धि का वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किया गया

बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-17)

इसके दृष्टिकोण पत्र में कृषि क्षेत्र के लिए 4% विकास दर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है इसमें अनुसंधान पर विशेष बल देते हुए प्रद्योगिकी को कृषि विकास का इंजन बताया गया है इसमें कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी पर बल दिया गया है बागवानी कृषि एवं बाजरा तक किसानों की पहुंच पर विशेष ध्यान देने की बात भी दृष्टिकोण पत्र में कही गई है |

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