लोक सभा और राज्य सभा की प्रमुख समितियां और उनके कार्य , लोकसभा तथा राज्यसभा में अंतर UPSC NOTE

प्रमुख समितियां और उनके कार्य

लोक लेखा समिति

  • सबसे पुरानी समिति जिसमें लोकसभा के 15 तथा राज्यसभा के 7 सदस्य आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से चुने जाते है, परंपरा 1967 से बन चुकी है इसका अध्यक्ष विपक्ष का नेता होगा |
  • यह केंद्र सरकार के विभागों को मंत्रालयों के लेखाओं की जांच कर उन्हें संसद के प्रति उत्तरदाई बनाती है |
  • यह समिति भारत सरकार के विभिन्न विभागों पर नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर नियंत्रण रखती है |
  • नियंत्रक-महालेखापरीक्षक समिति की बैठकों में भाग लेता है और सहायता करता है इस समिति को प्राक्कलन समिति की जुड़वा बहन कहते हैं |
  • यद्यपि समिति की कुछ सीमाएं भी हैं; जैसे -यह नीति संबंधी विषय की जांच नहीं कर सकती तथा कार्य को जानने के बाद जांच का रिपोर्ट तैयार करती है फिर भी उसने कई घोटालों यथा – जीप घोटाला, बोफोर्स घोटाला, कोयला घोटाला आदि को उजागर किया है |

प्राक्कलन समिति

  • इस समिति में 30 सदस्य होते हैं सभी सदस्य लोक सभा द्वारा प्रतिवर्ष आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय पद्धति द्वारा इसके सदस्यों में ही निर्वाचित होते हैं |
  • समिति का अध्यक्ष इन चुने हुए सदस्यों में से लोकसभा द्वारा नियुक्त किया जाता है परंतु यदि लोकसभा का उपाध्यक्ष प्राक्कलन समिति का सदस्य है तो वह स्वत: ही समिति का अध्यक्ष नियुक्त हो जाते हैं |
  • यह समिति प्रतिवर्ष गठित होती है समिति के निम्नलिखित कार्य है
  1. वार्षिक अनुदानों की जांच करना |
  2. अतिरिक्त अनुदान का अनुपूरक अनुदान पर चर्चा करना |
  3. खर्च कम करने के लिए व प्रशासन में सुधार लाने की वैकल्पिक नीतियां तैयार करने की एवं संसद में अनुदान मांगे रखने के सुझाव आदि की सिफारिश करना |

सार्वजनिक उपक्रम समिति  

  • इस समिति में कुल 15 सदस्य (10 लोकसभा से एवं पांच राज्यसभा) सदस्य होते हैं जो आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय पद्धति द्वारा निर्वाचित होते हैं |
  • प्रत्येक वर्ष समिति के 1/5 सदस्य अवकाश ग्रहण कर लेते हैं उनके स्थान पर नए सदस्य निर्वाचित हो जाते हैं |
  • समिति का अध्यक्ष लोक सभा द्वारा निर्वाचित सदस्यों में से मनोनीत किया जाता है कि निम्न कार्य है –
    1. यह समिति सरकारी उपक्रमों की कार्य प्रणाली तथा अन्य वित्तीय मामलों और नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के प्रतिवेदन का परीक्षण करती है |
    2. यह समिति सरकारी उपक्रमों के लेखों का परीक्षण करती है |

विशेषाधिकार समिति 

  • संसद सदस्यों को प्राप्त विशेषाधिकार उनमुक्तियों के हनन का मामला विशेषाधिकार समिति को सौंपा जाता है |
  • विशेषाधिकार समिति का गठन लोकसभा के प्रारंभ में अथवा समय-समय पर लोकसभा अध्यक्ष द्वारा किया जाता है इस में 15 सदस्य होते हैं |
  • विशेषाधिकार समिति सौंपे गए प्रत्येक प्रश्न की जांच करेगी तथा तथ्यों के आधार पर यह निर्णय करेगी कि किसी विशेष अधिकार का उल्लंघन हुआ है, अथवा नहीं और यदि हुआ है तो उसका स्वरूप क्या है और किन परिस्थितियों में हुआ है |

 प्रवर समिति  

  • प्रवर समिति का गठन लोकसभा एवं राज्यसभा के लिए अलग-अलग तथा एक साथ भी किया जा सकता है |
  • अलग होने की स्थिति में सदस्य संख्या 30 तथा संयुक्त होने की स्थिति में 45 होती है |
  • इस समिति का मुख्य उद्देश्य विधेय को पर गहन विचार विमर्श करना होता है |
  • संयुक्त प्रवर समिति में 30 लोकसभा तथा 15 राज्य सभा के सदस्य होते हैं |

याचिका समिति 

    • कुल 15 सदस्य होते हैं तथा सभी को लोकसभा अध्यक्ष मनोनीत करते हैं |

  • यह समिति याचिकाओं में की गई शिकायतों की सूचना लोकसभा को देती है इस समिति का मुख्य कार्य याचिकाओं का परीक्षण करना है |

सरकारी आश्वासन समिति  



  • इस समिति में 15 सदस्य होते हैं जिन्हें लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किया जाता है |
  • यह समिति सरकार के मंत्रियों द्वारा सदन के पटल पर दिए गए प्रश्नों के कार्यान्वयन की जांच करती है |

नियम समिति  

  • इस समिति में कुल 15 सदस्य होते हैं जिन्हें इसके सभापति/लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किया जाता है |
  • यह समिति पर संसदीय कार्यवाही तथा विधानों पर विचार कर उनमें संशोधन या नए नियम बनाने की सिफारिश करती है |

लोकसभा तथा राज्यसभा में अंतर

लोकसभा तथा राज्यसभा में अंतर     

   लोकसभा                                                                                        राज्यसभा

1. इसका कार्यकाल 5 वर्ष है तथा इससे पूर्व भी राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर भंग कर सकता है | राज्यसभा स्थाई सदन है एवं प्रत्येक 2 वर्ष पर ⅓ सदस्य अवकाश ग्रहण कर लेते हैं एवं उतने ही नवनिर्वाचित होते हैं |
2. धन विधेयक मात्र लोकसभा में ही पुनः स्थापित किए जा सकता हैं | धन विधेयक राज्यसभा में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है |
3. जनता द्वारा लोकसभा के सदस्य सार्वजनिक एवं गुप्त मतदान द्वारा चुने जाते हैं | राज्यसभा के सदस्यों का चयन संबंधित राज्यों की विधानसभाएं में आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर निर्वाचित करती हैं |
4. यह राज्य सूची के किसी विषय को राष्ट्रीय महत्व घोषित नहीं कर सकती है | राज्यसभा को राज्य सूची के किसी विषय को राज्य सभा में उपस्थित एवं मतदान देने वाले सदस्यों के कम से कम ⅔ सदस्यों द्वारा समर्थित संकल्प द्वारा राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने का अधिकार है |
5. लोकसभा, राज्यसभा द्वारा पारित प्रस्ताव का अनुमोदन करती है | उपराष्ट्रपति को हटाने संबंधी प्रस्ताव राज्यसभा में ही प्रारंभ किया जाता है |
6. लोकसभा को किसी प्रकार के विशेष अधिकार की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि राज्य सभा विघटित नहीं होती है | लोकसभा के भंग होने की स्थिति में आपातकाल की उद्घोषणा का अनुमोदन राज्यसभा करती है |



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